– पहले भी मारपीट व जानलेवा हमला के दो मामले में है आरोपी
– अदालत ने पाटुली इलाके में घुसने पर लगाया था रोक, निर्देश का उल्लंघन कर इलाके में घुसा
कोलकाता : कोलकाता पुलिस का एक कांस्टेबल अपने करतूत के कारण फिर से पुलिस के लिए सिर दर्द बन बैठा है. उसके लात, घुसे व जानलेवा हमले से सिर्फ आम लोग ही नहीं, राजनैतिक पार्टी के नेता भी परेशान हैं. अपने सर्विस कैरियर में अब तक उसने दादागीरी के कई नमूने पेश किये हैं.
उसके ऊपर दो मामले पहले से चल रहे हैं, जिसमें एक मामले में उसे काम से सस्पेंड भी किया जा चुका है, लेकिन इतना सब होने के बाद भी इस पुलिसकर्मी की दादागीरी को रोकने का दमखम किसी भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी में नहीं दिख रहा. रविवार को तो इस कांस्टेबल ने दादागीरी की सारी सीमा ही लांघ दी.
दक्षिण कोलकाता के कुछ जगहों में उसके घुसने के अदालत द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन करते हुए वह उस इलाके में घुस कर बंदूक के बट से एक वयस्क व्यक्ति व माकपा नेता पर जानलेवा हमला कर उसने उसका सिर फोड़ दिया. जख्मी हालत में उसे वहां फेंक कर अपने अंदाज में इलाके से रफ्फू चक्कर हो गया. हम बात कर रहे हैं, कोलकाता पुलिस के एक कांस्टेबल तारक दास की.
स्थानीय लोगों के मुताबिक बाघाजतिन स्टेशन के तालपुकुर बाजार में बाइक पर अचानक पहुंच कर इलाके के माकपा नेता पिंटू दास (56) के सिर पर रिवाल्वर के बट से हमला कर एक व्यक्ति भाग निकला.
उसे चितरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. शिकायत के बाद पुलिस ने जांच की तो घटना को अंजाम देने वाला व्यक्ति तारक सिंह निकला.
लगातार होता रहा है तबादला : कोलकाता पुलिस में कांस्टेबल का पोस्ट मिलने के बाद उसकी नियुक्ति अम्हस्र्ट स्ट्रीट थाने में हुई.
कुछ ही दिनों के काम के दौरान वहां से उसका तबादला यादवपुर कर दिया गया. इसके कुछ ही दिनों के बाद उसे मेटियाबुर्ज थाने में भेज दिया गया, जहां जानलेवा हमला करने के आरोप में उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के साथ ही उसे अपने काम से निलंबित भी कर दिया गया.
एडेड इलाके में जाने पर लगा है रोक : पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उसकी दादागीरी के कारण अदालत ने उसके ऐडेड इलाके में जाने से रोक भी लगा दी है. इसके बावजूद दक्षिण कोलकाता के पूर्व यादवपुर, यादवपुर, कसबा, पाटुली, रिजेंटपार्क जैसे इलाके में जाने पर रोक लगा दी है, लेकिन रविवार की घटना को अंजाम देकर उसने अदालत के इस निर्देश को भी ठेंगा दिखा दिया.
मामले पर डीसी ने साधी है चुप्पी : तापस पर आरोप है कि महानगर के कई बड़े प्रमोटर व राजनेता के साथ उसका घनिष्ठ संबंध है. इसके बल पर ही उसकी नियुक्ति कोलकाता पुलिस में हुई. इसके बाद से उसकी लगातार दादागिरी देखी जा रही है. रविवार को एक माकपा समर्थक पर जानलेवा हमला करने के बावजूद उसके खिलाफ जानलेवा हमला का मामला दर्ज नहीं किया गया. इस मामले पर विभाग के डीसी संतोष पांडे से संपर्क करने पर उनका फोन बंद मिला.