हजारीबाग: मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल के बॉडीगॉर्ड नवनीत तिवारी की सर्विस पिस्तौल व 35 गोलियां मिल गयी हैं. पुलिस के अनुसार, नवनीत की पिस्तौल चोरी ही नहीं हुई थी. वह अपनी पिस्तौल को बेतिया स्थित अपने गांव में एक परिचित के पास छोड़ आया था. पिस्तौल और गोलियां बेच कर वह डेढ़-दो लाख रुपये कमाना चाहता था. पुलिस के अनुसार, पिस्तौल की बात को छिपाने के लिए ही उसने मंत्री के दूसरे अंगरक्षकों की दो एके -47 और 150 गोलियों की चोरी की साजिश रची थी. हजारीबाग के एसपी मनोज कौशिक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने बताया : पुलिस नवनीत के घरवालों के संपर्क में थी. नवनीत के परिजनों ने पिस्तौल और गोलियों को हजारीबाग झील के किनारे छोड़ दिया, जिसे पुलिस ने वहां से बरामद कर लिया. दोनों एके-47 और 150 गोलियां पहले ही बरामद कर ली गयी थी. एसपी ने बताया : मामले में मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल या किसी तीसरे व्यक्ति की संलिप्तता नहीं पायी गयी है. 16 दिसंबर को अहमदाबाद में नवनीत का नार्को टेस्ट किया जायेगा. इसके बाद उसके बयान की सत्यता की जांच होगी.
बिना छुट्टी लिये गया था गांव
एसपी ने बताया : नवनीत दीपावली में (02 नवंबर) बिना छुट्टी लिये ही बेतिया स्थित अपने गांव चला गया था. पिस्तौल और 35 गोलियों को बेचने के उद्देश्य से उसने एक परिचित को दे दी. छठ पूजा के बाद लौटा और फिर रांची चला गया. 19 नवंबर को मंत्री की सुरक्षा में लग गया. नवनीत बिना हथियार के ही ड्यूटी करता रहा. पिस्तौल और गोलियों की बात छिपाने के लिए उसने 23 नवंबर की रात पीएचइडी गेस्ट हाउस में सो रहे मंत्री के अंगरक्षक जैप-वन के हवलदार इंदर कुमार छत्री और हवलदार किसन राय की दो एके-47 राइफल और 150 राउंड गोलियां गायब कर दी. गेस्ट हाउस के पीछे तालाब के पास झाड़ियों में दोनों एके-47 राइफल और गोलियां छिपा दी.
जुआ के लिए साथियों से लिये थे पैसे
एसपी ने बताया : जांच के दौरान नवनीत ने बताया कि वह सर्विस पिस्तौल बेच कर डेढ़-दो लाख रुपये हासिल करना चाहता था. रांची में पोस्टिंग के दौरान जुआ खेलने के लिए उसने साथी सिपाहियों से 60-70 हजार रुपये कर्ज लिये थे. घर पर भी पैसे भेजने थे. इसलिए उसने पिस्तौल बेचने की सोची और फिर साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया.
बार-बार बयान बदला
एसपी ने बताया : 23 नवंबर को हथियारों की चोरी के बाद सभी नौ सुरक्षाकर्मी और दोनों निजी चालक से पूछताछ की गयी. पर नवनीत बार-बार बयान बदलता रहा. इससे वह शक के घेरे में आ गया. बाद में उसने स्वीकार किया कि दोनों एके-47 पास की ही झाड़ी में है, जिसे बरामद किया गया. नवनीत से पिस्तौल व गोलियों के बारे में भी पूछताछ की गयी. उसने पहले बताया कि मंत्री के साथ लक्ष्ओ गये थे, वहां भीड़ में अफरा-तफरी के बीच गिर गयी. बाद में बयान बदला.
मंत्री की संलिप्तता का सबूत नहीं मिला: एसपी
हथियार चोरी में सिर्फ नवनीत तिवारी का हाथ है या इसमें कोई और भी शामिल है?
अभी तक की जांच में एक मात्र मुख्य अभियुक्त नवनीत तिवारी ही है. बाकी सुरक्षाकर्मी और निजी चालकनिर्दोषहैं.
मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल या उनके किसी करीबी की संलिप्तता है?
नहीं. अब तक की जांच में मंत्री या उनके किसी आदमी की कोई संलिप्तता नहीं पायी गयी है
सिपाही नवनीत का नार्को टेस्ट, लाइ डिटेक्टर व ब्रैन मैपिंग होगा?
हां, 16 दिसंबर को अहमदाबाद में फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में किया जायेगा.
नार्को टेस्ट से पुलिस अब क्या जानना चाहती है?
मंत्री के सुरक्षाकर्मियों के तीनों हथियार व गोलियां मिल गयी हैं. नवनीत के बयान पर ही हथियार मिले हैं. लेकिन नवनीत ने जांच को दिग्भ्रमित करने के लिये कई बार बयान बदले है. इसलिए नाक रे व अन्य टेस्ट होना जरूरी है.
क्या कहती है पुलिसबेचने के उद्देश्य से गांव के ही परिचित को ही दे दिया था
बात छिपाने के लिए अन्य बॉडीगॉर्ड के दो एके -47 और 150 गोलियां चोरी की
नवनीत के परिचित ने झील के पास छोड़ी पिस्तौल व गोलियां
उठ रहे सवाल
नवनीत बिना पिस्तौल के ड्यूटी कर रहा था, तो इसकी भनक साथी पुलिसकर्मियों को कैसे नहीं लगी.
नवनीत बिना छुट्टी लिये गांव गया, तो मंत्री की तरफ से इसकी सूचना अफसरों को क्यों नहीं दी गयी.
जब नवनीत ने बताया कि पिस्तौल उसके गांव पर है, तो पुलिस ने वहां छापामारी क्यों नहीं की.
बेतिया से हजारीबाग झील तक पिस्तौल लेकर कौन आया, पुलिस ने ऐसा कैसे होने दिया.
पुलिस की ओर से दो एके-47 व पिस्तौल की बरामदगी रात में ही हुई, तरीका बिल्कुल एक जैसा. कैसे.