जमशेदपुर: रांची नेपाल हाउस में संयुक्त श्रमायुक्त उमेश प्रसाद और मुख्य कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह के समक्ष टाटा मोटर्स से जुड़े विभिन्न मामले में सुनवाई हुई पर फैसला नहीं आ सका. बैठक में टाटा मोटर्स के महाप्रबंधक सुमंत सिन्हा, उप महाप्रबंधक प्रमोद कुमार, आरके दास, टीटीसीए के कार्यपालक पदाधिकारी महेश शरण, टेल्को यूनियन विपक्षी खेमे से एके पांडेय, हर्षवर्धन सिंह समेत अन्य शामिल हुए.
टेल्को वर्कर्स यूनियन : अवैध यूनियन विवाद और बोनस समझौता पर चल रहे मामले में एके पांडेय और उनकी टीम ने सारी बातों को रखा. विवाद समाप्त करने से जुड़े विंदुओं पर भी चरचा हुई.
आजीवन मेडिकल सुविधा : टाटा मोटर्स के रिटायर्ड कर्मचारियों को आजीवन मेडिकल सुविधा पर संघ के अध्यक्ष अरविंद विद्रोही व यमुना तिवारी ने अपनी बातों को रखा. संघ की ओर से बताया गया कि टाटा स्टील में सभी कर्मचारियों को आजीवन मेडिकल सुविधा मिलती है साथ ही टाटा मोटर्स में भी इजी ग्रेड के पदाधिकारियों को आजीवन मेडिकल सुविधा मिलती है तो कर्मचारियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों.
मेडिकल अनफिट : टाटा मोटर्स निबंधित कर्मचारियों के मामले में अमित चक्रवर्ती ने कहा कि प्रशिक्षण से पहले मेडिकल जांच की गयी थी, प्रशिक्षण के नाम पर पूरा उत्पादन करवाया गया और उसके बाद मेडिकल अनफिट कहा जा रहा है.
कन्वाई : कन्वाई चालकों को न्यूनतम वेतन व अन्य सुविधा नहीं उपलब्ध करवाये जाने का मामला दिनेश पांडेय और ज्ञानसागर प्रसाद ने उठाया. प्रबंधन टीटीसीए और टाटा मोटर्स की ओर से की ओर से इस संबंध में कई कागजात विभाग को दिये गये.