सरायरंजन, समस्तीपुरः मेघालय से गुरुवार को विशेश्वर का शव पहुंचते ही गुरुवार को भागवतपुर गांव में कोहराम मच गया. घर की महिलाएं जहां चीत्कार मार कर उसके खोने की पीड़ा को बयां कर रही थीं, वहीं बच्चे व पुरुषों के सूजे चेहरे माहौल को और भी गमगीन बना रहे थे.
स्थानीय लोगों का बताना है कि विशेश्वर दास (50) गांव के महावीर दास का पुत्र था. 2 साल से मेघालय प्रांत के शिलांग जिला के ईशनपुर गांव में किराये के मकान में रहता था. वहां वह होटल चलाता था. उसी की आमदनी से उसने अपनी तीन बेटियों की शादी की. बड़े बेटे संजय दास को मेघालय पुलिस में भरती कराया. छोटे पुत्र को अच्छी शिक्षा देने में जुटा था.
गत 16 नवंबर को उग्रवादियों ने रंगदारी नहीं देने के कारण उसके शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगा दी. साथ ही होटल भी जला दिया. घटना की जानकारी पर पुलिस ने उसे गुवाहाटी स्थित अस्पताल में भरती कराया. जहां 4 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. घटना की सूचना मिलते ही परिजनों का कलेजा तार-तार हो गया. गांव के लोगों में भी घटना को लेकर पीड़ा दिख रही थी.