जोहांसबर्गः द अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का गुरुवार को उनके अपने जोहांसबर्ग स्थित आवास में निधन हो गया. द अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा ने उनके निधन की पुष्टि की है. 95 वर्षीय मंडेला फेफडे के संक्रमण से पीडित थे व लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें 1993 में शांति के नोबेल से सम्मानित किया गया था.
द अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए अपने एक राष्ट्रीय टेलीविजन संबोधन में कहा “ दक्षिण अफ्रीका ने अपनी महान संतान को खो दिया है, वे अब आराम कर रहें हैं, वे अब शांति में है.” मंडेला को आधुनिक दक्षिण अफ्रीका का पितामह माना जाता है. उन्होंने रंगभेद नीति के खिलाफ लडाई लडी और देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने.
दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान राष्ट्रपति जैकब जूमा ने कहा, जिस चीज ने नेल्सन मंडेला को इंसान बनाया, उसी ने उन्हें महान बनाया. हम उनमें जो देखते हैं, वह हम अपने भीतर खोजते है. चिकित्सकों का एक दल यहां सितंबर से हावटन उपनगर में मंडेला ने निवास पर उनकी चिकित्सकीय देखभाल कर रहा था. इससे पहले वह बार-बार होने वाली फेफड़ों संबंधी बीमारी के कारण प्रीटोरिया के एक अस्पताल में तीन महीने तक भर्ती रहे थे.
जूमा ने घोषणा की कि मंडेला का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा. इस बारे में अभी तक अधिक जानकारी नहीं दी गई है लेकिन अंतिम संस्कार होने तक राष्ट्र के सभी झंडे झुके रहेंगे.
जूमा ने कहा कि मंडेला के स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष ने उन्हें विश्व भर में सम्मान दिलाया. उन्होंने कहा, लोग उनकी विनम्रता, दया और मानवता के कारण उनसे प्यार करने लगे. देशभर में सैंकड़ों लोग मंडेला के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए आज तड़के समूहों में एकत्र होने लगे. मंडेला ने देश को श्वेत अल्पसंख्यक शासन से आजादी दिलाई. वह देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने. मंडेला ने अपने जीवन के 27 वर्ष जेल में बिताए. वह 1994 में देश में पहले लोकतांत्रिक चुनावों के बाद राष्ट्रपति बने.
मंडेला ने राष्ट्रपति के तौर पर आदिवासी राजनीति के आधिपत्य वाले देश को एक करने की दिशा में काम किया. उन्होंने अपनी पूरी उर्जा अश्वेत मतदाताओं की कड़वाहट को कम करने में लगा दी और श्वेत वर्ग को यह भरोसा दिलाया कि उनसे किसी प्रकार का प्रतिशोध नहीं लिया जाएगा.
मंडेला कई प्रकार की चिकित्सकीय समस्याओं के कारण पिछले दो वर्षों में कई बार अस्पताल में भर्ती हुए. वह सार्वजनिक तौर उनकी उपस्थिति बहुत कम हो गई लेकिन इसके बावजूद राष्ट्र और दुनिया के मन में उनके लिए हमेशा एक विशेष स्थान बना रहा. अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंडेला के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्हें सदियों तक याद किया जाएगा. ओबामा ने कहा कि वह दुनिया के सबसे प्रभावशाली, साहसी और महान लोगों में से एक थे.
* संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मंडेला के निधन पर शोक जताया
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून और सुरक्षा परिषद ने भी नेल्सन मंडेला के निधन पर शोक जताया और कहा कि वह एक मानव प्रेरणा थे जिन्होंने नस्लभेद उत्पीड़न के खिलाफ जिंदगी भर संघर्ष किया. बान ने अपने शोक संदेश में कहा, नेल्सन मंडेला विश्व मंच पर एक अनूठी हस्ती थे – शांति गरिमा और आसमान छूती उपलब्धियों के व्यक्ति, न्याय के लिए विशाल और विनम्र मानव प्रेरणा. मैं उनके गुजरने से बेहद दुखी हूं.
उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र की ओर से मैं दक्षिण अफ्रीका के लोगों और खासकर नेल्सन मंडेला के परिवार एवं उनके प्रियजन के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने कहा, हमारे विश्व के सबसे प्रकाशमान ज्योतिपुंजों में से एक आज चला गया. नेल्सन मंडेला सिर्फ हमारे समय के नायक ही नहीं थे बल्कि वह सर्वकालिक नायक हैं. स्वतंत्र दक्षिण अफ्रीका के पहले राष्ट्रपति मंडेला एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता और न्याय के लिए बहुत कष्ट उठाए हैं. बीबीसी ने कहा कि मंडेला के सम्मान में डाउनिंग स्टरीट का झंडा आधा झुका दिया गया है.
* द अफ्रीका सरकार ने मंडेला को श्रद्धांजलि देने के लिएवेबसाइटबनायी
दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने मंडेला को श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट मंडेला डॉट जीओवी डॉट जेडए बनायी है.
जूमा ने कहा, हमारी संवेदना दक्षिण अफ्रीका के लोगों के साथ है जो आज उस व्यक्ति के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं जो राष्ट्रवाद की उनकी भावना को मूर्त रुप देने आया था. उन्होंने कहा, हमारी संवेदनाएं विश्वभर के उन लाखों लोगों के साथ हैं जिन्होंने मादिबा को अपना समझा और जिन्होंने उनके मकसद को अपना मकसद समझा.
जूमा ने कहा, आओ, उनके दृष्टिकोण को फिर से सुदृढ करते हुए एक ऐसा समाज बनाए जिसमें कोई भी किसी से शोषित या दबा हुआ न हो. आओ, एक देश बनाने के प्रति प्रतिबद्धता जताएं जो नस्लवाद रहित, लिंग भेदभाव से रहित, लोकतांत्रित और समृद्ध हो. नोबल पुरस्कार विजेता और आर्कबिशप डेसमंड टुटु ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति अपने व्यक्तिगत कार्यों से जाति और वर्ग की सीमा से आगे निकल गए. उन्होंने कहा कि मंडेला के साहस और दृढ संकल्प के कारण लोग उनसे प्यार करते थे.