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तीन शिक्षकों के भरोसे हैं 365 विद्यार्थी

घाघरा : घाघरा प्रखंड स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधराडीह में मात्र तीन शिक्षक हैं. विद्यालय में कुल 365 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. प्रखंड मुख्यालय से सात किमी घाघरा-गुमला मुख्य पथ के किनारे स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधराडीह में शिक्षक सहित शिक्षा संसाधनों की भी कमी है. विद्यालय में पेयजल, शौचालय, बेंच, डेस्क सहित अन्य […]

घाघरा : घाघरा प्रखंड स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधराडीह में मात्र तीन शिक्षक हैं. विद्यालय में कुल 365 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. प्रखंड मुख्यालय से सात किमी घाघरा-गुमला मुख्य पथ के किनारे स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधराडीह में शिक्षक सहित शिक्षा संसाधनों की भी कमी है.

विद्यालय में पेयजल, शौचालय, बेंच, डेस्क सहित अन्य संसाधन के अभाव में ग्रामीण बच्चे जमीन पर बैठ कर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं. विद्यालय में अध्यापन कार्य हेतु प्रधानाध्यापक के रूप में एक सरकारी शिक्षक मो तलत व दो पारा शिक्षक दीपक कुमार साहू एवं विजय कुमार नायक पदस्थापित हैं.

प्रधानाध्यापक विद्यालय संबंधी कार्यो की व्यवस्था के कारण महीने के कुछ ही दिन विद्यालय में अध्यापन कार्य कर पाते हैं. शेष अन्य दिनों में अध्यापन कार्य इन दो पारा शिक्षकों के जिम्मे वर्ग एक से आठ तक की कक्षाएं संचालित होती है. विद्यालय में अध्यापन कार्य हेतु चार भवन बनाये गये हैं. जिनमें दो भवनों के पांच कमरे में ही अध्यापन कार्य दो-दो वर्ग कर संयुक्त रूप से संचालित होते हैं. विद्यालय में दो शौचालय बनाये गये हैं जो वषों से बेकार पड़ा हुआ है.

पूर्व प्रधानाध्यापक अशोक कुमार द्वारा वर्ष 2006 -07 में बनाये गये एक शौचालय के कमरे का ताला अभी तक कभी खुला भी नहीं है एवं दूसरा त्रुटिपूर्ण निर्माण के कारण बेकार पड़ा है. विद्यालय में पेयजल हेतु एक मात्र चापाकल सर्वशिक्षा अभियान के तहत लगाया गया है जो पर्याप्त है.

फलत: विद्यालय के छात्र एवं ग्रामीण पीएचडी विभाग द्वारा कुछ ही दिन पूर्व बनाये गये चापाकल पर अपनी प्यास बुझाते है. ग्रामीण पथ दरदाग अंधेराडीह के समीप इस विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण बच्चे सड़क पर चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं. ज्ञात हो कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंधराडीह को संकुल केंद्र का दर्जा प्राप्त है. बावजूद विद्यालय में पर्याप्त शिक्षा संसाधनों का अभाव है.

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