कोलकाता : भूमिकाओं में उलटफेर करते हुए एक अलग फीडबैक व्यवस्था के तहत प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने शिक्षकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक देंगे.
प्रेसीडेंसी की कुलपति मालविका सरकार ने प्रेस ट्रस्ट को बताया कि अपनी तरह की यह पहली अवधारणा इस माह शिक्षक परिषद की बैठक में स्वीकार किए जाने के बाद इस सेमेस्टर से लागू कर दिया जाएगा.
अपनी सेमेस्टर परीक्षाओं के बाद विद्यार्थियों को फॉर्म दिए जाएंगे, जिसपर उन्हें अपने शिक्षकों के प्रदर्शन का आकलन करना होगा. इस फॉर्म पर कुछ इस तरह के सवाल होंगे- ‘आपके लिए कौन सी कक्षाएं उपयोगी थीं?’, ‘क्या आप अपने शिक्षकों को सही ढंग से सुन पाते हैं?’ और ‘क्या आपके शिक्षक कक्षाओं के बाद आपको उपलब्ध रहते हैं?’सरकार ने कहा कि इसके पीछे मूल विचार कक्षा में विद्यार्थियों के सामने आने वाली परेशानियों के बारे में उनसे पूछकर शिक्षक-विद्यार्थी संबंध को सुधारने का है.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी अच्छे संस्थानों में यह प्रणाली लागू है. अगर हम बाकी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहते हैं तो ऐसी कोई वजह नहीं जिसके चलते हम इसे न लागू करें.’’ वर्ष 2011 में विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए एक आंतरिक आकलन में पाया गया था कि शैक्षणिक स्टाफ के 15 प्रतिशत लोग उतने योग्य नहीं थे.