सीतामढ़ीः लोगों के लिए बिजली मूलभूत सुविधाओं में शामिल है. यह सुविधा नहीं मिलने से लोग क्षुब्ध हैं. दु:ख इस बात का है कि नीतीश सरकार में कम से कम बिजली व्यवस्था में सुधार की पूरी उम्मीद थी जो नहीं हो सका. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि सरकार सिर्फ बिजली व्यवस्था में सुधार की बात कहती है. हकीकत में बात हवा मे हीं रह जाती है. सरकार अपनी बातों पर कार्रवाई करती तो कब के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बिजली सुविधा मिलनी शुरू हो गयी होती. सरकार के साथ-साथ विभाग के गंभीर नहीं रहने के चलते लोगों को बिजली सुविधा के लिए बेचैन होना पड़ रहा है. विभिन्न गांवों के लोगों की बातों से उक्त विचार सामने आया है. एक पाठक ने प्रभात खबर को कॉल कर यहां तक कहा कि उनके मुखिया जी हीं नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति टोला में बिजली की आपूर्ति हो. बहरहाल, प्रभात खबर की पहल के बाद से खास कर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में बिजली सुविधा को लेकर भूख जगी है. पेश है लोगों की जुबानी.
शिव नंदन भंडारी(पुरंदाहा रजवाड़ा पूर्वी, सोनबरसा) : गांव में बिजली सुविधा नहीं है. अब तक तीन बार पोल गाड़ा जा चुका है. आपूर्ति नदारद है. शंभु रजक(नयाटोल, बोखड़ा) : गांव के महादलितों को बिजली सुविधा नहीं है. पूर्व सांसद के घर तक पोल-तार के साथ हीं बिजली सुविधा है. एक तरह से पैसे वालों को यह सुविधा मिली है और कमजोर लोग इससे वंचित है.
रवींद्र कुमार(डेमुआ, परिहार) : गांव में पोल-तार लगे वर्षो हो गये. बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं की गयी. मदन (चक्की, सोनबरसा) : पोल व तार लगा था. बिजली की आपूर्ति नदारद है. अब तार भी टूट कर गिरने लगा है. अजय कुमार साह(बाड़ा, परिहार) : उपभोक्ता बने एक वर्ष से अधिक हो गये. विभाग से बिजली बिल नहीं आता है. विभाग द्वारा कहा जाता है कि शीघ्र मीटर लग जायेगा. यह शीघ्र शब्द सुनते-सुनते थक गये हैं. एक ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है तो दूसरे की चोरी कर ली गयी.
राजेश कुमार(मनिकथार, परिहार) : गांव में एक वर्ष से लाइन नहीं है. ट्रांसफॉर्मर खराब है. 6 माह हीं बिजली की सुविधा मिली की 25-25 केबी का दोनों ट्रांसफॉर्मर अधिक लोड के चलते जवाब दे दिया. दीपक कुमार(नरकटिया-इंदरवा, सोनबरसा) : गांव के कुछ भाग में पोल-तार लगा. बाद में काम रूक गया. यानी पांच वर्षो से काम लंबित है. कोई नहीं सुन रहा है.
रामलाल सहनी(रामपत पकड़ी, मेजरगंज) : गांव में पोल-तार है. यह लगे दो वर्ष हो गये. आपूर्ति शुरू नहीं हुई. सुमन कुमार (पुरनदाहा रजवाड़ा पूर्वी, सोनबरसा) : गांव में ट्रांसफॉर्मर व पोल तक है. दो-तीन वर्षो से ट्रांसफॉर्मर व पोल देख रहे हैं. बिजली का दर्शन नहीं हुआ.
मुकेश पासवान(पुरंदाहा रजवाड़ा, सोनबरसा) : आधा गांव में पोल है. ट्रांसफॉर्मर भी लगा है, लेकिन बिजली की आपूर्ति नहीं है. बगल के गांव में बिजली की आपूर्ति होती है. मनोज कुमार (गोढ़िया,बथनाहा) : गांव के दोनों ओर के गांवों में बिजली सुविधा है. वहीं गोढ़िया गांव में पोल-तार भी नहीं लगा है.
मो फिरोज(सुरगाही, तरियानी) : गांव में 300 अनुसूचित जाति के परिवार हैं. इस टोला में बिजली सुविधा के नाम पर अब तक पोल-तार भी नहीं लगा है. सैयद मो रिजवान(मुरलिया चक, डुमरा) : गांव में 100 केबीए का ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ है. उस पर अधिक लोड होने के कारण बार-बार जल जाता है. कई बार शिकायत करने पर उसे ठीक किया जाता है. इस तरह माह में 10 दिन हीं बिजली सुविधा मिल पाती है.
शिवम कुमार(विशनपुर, सुप्पी) गांव में बिजली सुविधा के नाम पर अब तक पोल व तार भी नहीं लगा है. यह सुविधा कब तक मिलेगी, कोई नहीं बताता.