रांची: हाइकोर्ट ने सोमवार को हाइकोर्ट के नये परिसर के शीघ्र निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के अधिकारियों की भूमिका व कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए मौखिक टिप्पणी की. कहा: संवैधानिक संस्था के निर्माण में ढुलमुल रवैया अपनाना और विलंब करना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. अधिकारी काम नहीं कर पा रहे हैं. वैसे अधिकारियों को त्याग पत्र दे देना चाहिए. दूसरे अधिकारी बेहतर काम कर सकेंगे.
खंडपीठ ने यह भी कहा कि चहारदीवारी का निर्माण हो गया. पौधरोपण के बाद से निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है. यहां तक की डीपीआर भी नहीं बनायी गयी है. खंडपीठ ने अपर महाधिवक्ता के आग्रह पर सुनवाई तीन दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए चार दिसंबर की तिथि निर्धारित की गयी.
उल्लेखनीय है कि एडवोकेट्स एसोसिएशन झारखंड हाइकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की है. पूर्व में कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के नये परिसर के निर्माण के लिए नगड़ी अंचल के तिरिल मौजा (धुर्वा) में 165 एकड़ जमीन हस्तांतरित की है. जमीन की घेराबंदी की जा चुकी है. फिलहाल निर्माण कार्य ठप है.