सिपाही नवनीत तिवारी ने स्वीकारी संलिप्तता
हजारीबाग/रांची : पेयजल एवं स्वच्छता और उत्पाद मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल के बॉडीगॉर्ड के हथियारों की चोरी के मामले में पुलिस ने सोमवार को स्पेशल ब्रांच के सिपाही नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया और सात दिन के रिमांड की मांग की है.
सिपाही नवनीत तिवारी भी मंत्री की सुरक्षा में तैनात था. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि नवनीत की ही निशानदेही पर ही चोरी गयी दो एके-47, मैगजीन और 150 गोलियां बरामद की गयी हैं. नवनीत बिहार के बेतिया के सदर थाना क्षेत्र स्थित जगदंबा नगर के बसरिया गांव का रहनेवाला है.
पुलिस के अनुसार, सोमवार को मंत्री का पीए भी सामने आ गया. हजारीबाग के एसपी मनोज कौशिक ने बताया : पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को लेकर मंत्री के पीए अनिल राय से पूछताछ की है. पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
नवनीत ने स्वीकारी संलिप्तता : एसपी मनोज कौशिक ने बताया : सदर थाने में दर्ज मामले में जैप के दो जवान इंद्र कुमार छत्री, किशन राय और सिपाही नवनीत तिवारी को आरोपी बनाया गया है. घटना में जैप के जवानों और मंत्री के दो निजी चालकों की संलिप्तता नहीं पायी गयी है.
नवनीत तिवारी की संलिप्तता पायी गयी है. पुलिस को दिये बयान में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. नवनीत का नार्को टेस्ट होगा. इसके लिए अहमदाबाद से विशेषज्ञों की टीम बुलायी जायेगी. पिस्तौल की तलाश जारी : पुलिस सिपाही नवनीत तिवारी की सर्विस रिवाल्वर और 35 गोलियों की तलाश में जुटी है.
हजारीबाग में डिस्टिक बोर्ड चौक के आगे विशेष प्रमंडल कार्यालय और राजेंद्र लॉ कॉलेज के बीच में स्थित तालाब के किनारे झाड़ी से चोरी गयी दो एके-47 और 150 गोलियां मिली थी. रविवार रात एक बार फिर से इस स्थान पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. एसपी के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों ने करीब 100 जवानों के साथ रिवाल्वर और गोलियों की खोज की. पर सफलता नहीं मिली.
नवनीत को भेजा गया जेल
पुलिस ने कोर्ट से सात दिन का रिमांड मांगा नवनीत तिवारी का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी अहमदाबाद से आयेगी टीम सिर्फ सिपाही की गिरफ्तारी कर मामले को खत्म नहीं किया जाये पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश्वर पांडेय ने कहा है कि हथियार चोरी मामले में साक्ष्य मिलने पर सिपाही नवनीत तिवारी को जेल भेजा गया है.
इसलिए सरकार व विभाग के सीनियर अफसरों से एसोसिएशन यह मांग करता है कि मामले में जिन लोगों के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं, उन सभी को जेल भेजा जाये. मामले की बारीकी से जांच की जाये. ऐसा न हो कि सिर्फ सिपाही को जेल भेज कर मामला खत्म कर दिया जाये.