।। संजय कुमार अभय ।।
महापंचायत, महाफैसला
गोपालगंज जिले के उचकागांव थाने के पाखोपाली गांव में चार दिन पहले अपहरण के बाद एक पांच वर्षीय बच्चे की हत्या कर दी गयी थी. हत्या में पड़ोसी ही शामिल थे. रविवार को गांववालों ने महापंचायत कर हत्यारों के परिजनों को गांव छोड़ने का फरमान जारी किया. गोपालगंज : गोपालगंज जिले की बरारी जगदीश पंचायत का पाखोपाली गांव. दिन रविवार. सुबह सात बजे हैं. गुलाबी ठंड है. गांव के लोग जल्दी में हैं. कारण-गांव के ब्रह्मस्थान पर महापंचायत बुलायी गयी है, चार दिन पहले गांव में अपहरण के बाद एक पांच वर्षीय बच्चे की हुई हत्या के आरोपितों को दंडित करने के लिए.
बरारी जगदीश पंचायत के दर्जन भर गांवों के सैकड़ों लोग पहुंच चुके हैं. पंचायत को लेकर लोग कानाफूसी कर रहे हैं. तभी मुखिया ईश्वरचंद्र वर्मा और पूर्व सरपंच लायक हुसैन ग्रामीण त्रिवेणी चौधरी, नौशाद, एहसानुल हक समेत दर्जन भर लोगों के साथ पहुंचते हैं.
महापंचायत शुरू होती है. महापंचायत में बुद्धिजीवी भी मौजूद हैं. पंचायत में बच्चे शेरू की हत्या के आरोपित अखलाक के पिता मंसूर, समीना खातून के पति जावेद और अजीमुल्लाह को बुलाया जाता है. फिर मंथन शुरू होता है. एक स्वर से लोग बोलते हैं- हत्या में शामिल सभी लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.
इस संबंध में महापंचायत में विधिवत प्रस्ताव पारित किये जाते हैं. पुलिस को साक्ष्य के रूप में पूरे गांव को एक साथ गवाही देने का निर्णय लिया जाता है. आखिर में फरमान जारी होता है- आरोपितों के परिजन तुरंत गांव छोड़ कर चले जाएं और गांववाले इनसे किसी प्रकार का संपर्क या बातचीत नहीं करें. जावेद से ग्रामीण पूछते हैं- तुम्हें अपनी पत्नी समीना खातून और बच्ची प्यारी है या गांव.
जावेद कहता है-मैं पत्नी और बच्ची को छोड़ दूंगा, पर गांव नहीं छोडूंगा. वहीं, मंसूर गांव छोड़ने की बात कहता है. महापंचायत में कहा जाता है कि शांति व्यवस्था, सामाजिक सौहार्द बनी रहे, इसके लिए कड़ा फैसला लिया गया है.
वीरेंद्र सिंह, दिनेश सिंह, रोशन अली, मो कमरान, समसुल आलम, दीनानाथ चौरसिया समेत उपस्थित सैकड़ों लोगों ने इस फैसले पर मुहर लगाते हैं.
क्या है मामला
पाखोपाली गांव में 26 नवंबर की शाम शेर मोहम्मद के पांच वर्षीय इकलौते पुत्र शेरू का अपहरण करने के बाद 27 नवंबर की शाम उसकी हत्या कर दी गयी थी. पड़ोसी आबिद मियां के घर से शव बरामद किया गया.
दो दिनों की जांच के बाद पुलिस ने आबिद, उसके पिता मोहम्मद हसन, शहजाद और मंसूर आलम के पुत्र अखलाक को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अजमुल्लाह की पत्नी चुनी खातून, जावेद की पत्नी समीना व बेटी चंदा को भी शनिवार की शाम हिरासत में ले लिया.
चोरी की थी मोबाइल
शेरू हत्याकांड में एसडीपीओ कमलाकांत प्रसाद के नेतृत्व में टीम ने छापेमारी कर पाखोपाली से अजीमुल्लाह की पत्नी चुनी खातून, जावेद की पत्नी समीना व बेटी चंदा खातून को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
चंदा ने चुनी के कहने पर तबीजन बीबी का मोबाइल चोरी कर चुनी को दिया. चुनी ने यह मोबाइल अखलाक को दिया. अखलाक इससे आबिद के मोबाइल पर मैसेज भेज कर पांच लाख की फिरौती मांगी थी. पुलिस के हाथ यह मोबाइल भी लगा है.