कोलकाता: विधाननगर अदालत ने सारधा चिटफंड कंपनी घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कोर्ट के एसीजेएम अपूर्व कुमार घोष ने उनकी जमानत खारिज करते हुए 13 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
क्या हैं आरोप
सारधा मीडिया ग्रुप के ब्रॉडकास्ट वल्र्डवाइड नाम की कंपनी के महाप्रबंधक की एक शिकायत पर विधाननगर पुलिस ने 23 नवंबर को कुणाल को गिरफ्तार किया था. सारधा मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुणाल घोष पर धोखाधड़ी, विश्वास तोड़ो और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाये गये हैं.
हो चुकी है पुलिस हिरासत
गौरतलब है कि इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद पांच दिनों की पुलिस हिरासत में समय बीता चुके हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कुणाल घोष ने कोर्ट को बताया कि वह सात महीने से पुलिस के पूछताछ में पूरी मदद कर रहे हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए. लेकिन कोर्ट ने उनके दलीलों को खारिज करते हुए 13 दिसंबर तक उन्हें जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
सीआइडी कर सकती है पूछताछ
गौरतलब है कि सारधा मामले में सांसद कुणाल घोष से कोलकाता पुलिस व सीआइडी भी पूछताछ कर सकती है. कोलकाता पुलिस व सीआइडी द्वारा भी इस संबंध में याचिका दायर की जायेगी.