नयी दिल्ली: पर्याप्त शीत भंडारण सुविधा की कमी के कारण हर वर्ष भारत में करीब 13,300 करोड़ रुपये के फल एवं सब्जियों की बर्बादी होती है. अमेरिका स्थित प्रौद्योगिकी फर्म एमरसन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
एमरसन क्लाइमेट टेक्नोलॉजीज इंडिया ने एक बयान में कहा, दुनिया में फलों और सब्जियों के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में हर साल 133 अरब डालर के ताजा उत्पादों की बर्बादी होती है जिसका मुख्य कारण पर्याप्त भंडारण सुविधा और शीत भंडारित परिवहन व्यवस्था की कमी है.एमरसन क्लाइमेट टेक्नोलॉजीज अमेरिका स्थित विनिर्माण एवं प्रौद्योगिकी कंपनी एमरसन का हिस्सा है.
बयान में कहा गया है, सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीएचईटी) के आंकड़ों के अनुसार भारत के फलों और सब्जियों के उत्पादन का 18 प्रतिशत, जिसकी कीमत 13,300 रुपये आंकी गई है, हर साल बर्बाद हो जाती है.