जमशेदपुर: गव्य निदेशालय से जुड़े संपत्ति विवाद को अब केंद्र सरकार सुलझायेगी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएम लोधा और न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि दोनों राज्यों से आवेदन मिलने के छह सप्ताह के अंदर इस पर फैसला लिया जाये. मामला झारखंड स्थित गव्य विभाग की परिसंपत्ति का है.
अभी परिसंपत्ति बिहार सरकार के अधीन है. न्यायालय ने आदेश दिया है कि जब तक केंद्र सरकार स्तर पर कोई फैसला नहीं हो जाता है, पूर्व की स्थिति बरकरार रखी जाये.
रांची डेयरी रांची, बोकारो डेयरी बोकारो, जमशेदपुर डेयरी, जमशेदपुर और कैटल फीड फैक्टरी रांची झारखंड में है. झारखंड का कहना था कि राज्य गठन के बाद इसका बंटवारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम-2000 के तहत नहीं हो सका. झारखंड इस संपत्ति पर अपना दावा कर रहा है. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में भी हुई थी.
झारखंड हाइकोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. झारखंड सरकार के गव्य विकास विभाग ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की थी. बिहार स्थित बिहार राज्य को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोडय़ूशर फेडरेशन का तर्क था कि यह कई राज्यों में काम करती है. इस कारण दूसरे राज्यों में पड़नेवाली संपत्ति भी उनके अधिकार में रहे. झारखंड का तर्क था कि राज्य गठन के पूर्व यह संपत्ति संयुक्त बिहार की थी. पुनर्गठन के बाद राज्य में यह संपत्ति आ गयी है. इस कारण इस पर पहले झारखंड का हक होना चाहिए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपील करनेवाले राज्य झारखंड को कहा कि वह तीन सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार के पास अपना पक्ष रखे.