रांची: झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि संघ की मांग पर विचार नहीं किया गया, तो 14 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी.
आज महासंघ के पदधारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बिरसा चौक पर ही रोक दिया. यहां महासंघ ने सभा की. प्रदर्शनकारियों की प्रतिरोध सभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कर्मचारी विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया गया. एक्टू के महासचिव शुभेंदु सेन, महेश कुमार सिंह, सुशीला तिग्गा, सुबल किशोर ठाकुर, डीडी दास, अरविंद प्रसाद, सदानंद होता, सुनील कुमार शाह, ब्रजेश कुमार शाह और अन्य ने कहा कि महासंघ के साथ 2009 में हुए समझौते को सरकार लागू नहीं करना चाहती है.
वक्ताओं ने कहा कि राज्य के अधिकारी अपने लिये परिवहन और शिक्षण भत्ता ले रहे हैं, परंतु कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है. महासंघ ने सभी राज्य कर्मियों को परिवहन भत्ता, शिक्षण भत्ता, लिपिक संवर्ग की संशोधित नियमावली का प्रकाशन, पुलिस महकमे में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को राशन मनी का भुगतान करने, सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े लाखों पदों पर अस्थायी, ठेका और अनुबंध कर्मियों की नियुक्ति समेत अन्य मांग की गयी. सभी संवर्गो के लिए सेवा नियमावली तुरंत बनवाने, पीएचइडी की स्थापना के छूटे 49 पदों को गजट में जोड़ने, महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत मूल वेतन पर देने, वर्ग चार से वर्ग तीन में प्रोन्नति दिये जाने, वन विभाग के दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने आदि मांग की गयी.
गेट बंद रहने से हुई परेशानी
बिरसा चौक का गेट बंद रहने से एचइसी के विभिन्न मुहल्लों, प्रोजेक्ट भवन, धुर्वा और अन्य जगहों पर जानेवाले लोगों को काफी परेशानी हुई. दोपहर एक बजे के बाद चार घंटे तक बिरसा चौक का फाटक भी बंद रहा. फाटक बंद रहने से एचइसी आवासीय परिसर के सभी स्कूल बसों को छुट्टी के समय तय स्टॉप पर पहुंचाने में लंबी दूरी भी तय करनी पड़ी. गेट बंद होने की वजह से मेकन जानेवाली सड़क में भी आपाधापी मची रही. रेलवे लाइन क्रास करने में भी कई दोपहिया वाहनों के चालक परेशान दिखे.