रांची: मनुष्य की अधिकतर गतिविधियां मन से नियंत्रित होती हैं. ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. सबल चंद्रमा अच्छे विचार व दृढ़ इच्छाशक्ति को जन्म देता है. वहीं पीड़ित चंद्रमा जातक के मन को दूषित कर अभिष्ठ कार्य पर निर्णय की क्षमता प्रभावित करता है.
उक्त बातें ऑनलाइन ज्योतिष काउंसलिंग में फॉचरून जेम्स एंड ज्वेलरी के ज्योतिषी डॉ पीके गुप्ता ने पाठकों के सवालों के जवाब देने के क्रम में कही.
जीवन को प्रभावित करता है केमद्रुम : सवाल के जवाब देने के क्रम में उन्होंने बताया कि जब चंद्रमा द्वादश स्थान में हों, साथ ही लगA से केंद्र में सूर्य को छोड़ कर अन्य कोई ग्रह नहीं हो, तो केमद्रुम योग बनता है. इस योग में जातक कई रूपों से प्रभावित होता है. विशेष कर निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है.
प्रभावहीन भी होता है केमद्रुम : कुंडली की कई स्थितियों में केमद्रुम प्रभावहीन भी होता है. ऐसा तब होता है, जब चंद्रमा के साथ कोई ग्रह हो या चंद्रमा लगA में हो. इसके साथ ही लगA से केंद्र में कोई ग्रह हो या चंद्र से केंद्र में कोई ग्रह हो.
राजयोग को भी करता है प्रभावित: केमद्रुम की कुंडली में स्थिति कई बार ऐसी भी बनती है कि यदि जातक की कुंडली में केमद्रुम व राजयोग दोनों ही हों, तो ऐसे में राजयोग पर केमद्रुम ही प्रभावी होता है.