जमशेदपुर: मेट्रो शहरों के जरिये करोड़ों के इनकम टैक्स की चोरी की जा रही है. इससे राजस्व का तो नुकसान हो ही रहा है, ब्लैक मनी भी काफी बढ़ रही है. कई कंपनियां कारोबार तो बिहार-झारखंड में कर रही हैं, लेकिन अपना मुख्यालय मेट्रो शहरों में दिखाकर टैक्स की चोरी कर रही है. यहां तक कि मेट्रो शहर में एक या दो कमरों में केवल नाम के लिए ही मुख्यालय चल रहा होता है.
बिहार-झारखंड में यह खेल तेजी से चल रहा है. यहां करीब आठ से अधिक मामले मिले हैं, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है. जमशेदपुर में ऐसे तीन मामले मिले हैं. इसके बाद आयकर विभाग और अनुसंधान विभाग सतर्क हो चुका है.
इसको रोकने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सहयोग से कदम उठाये जा रहे हैं. सीबीडीटी के आदेश के आलोक में कोलकाता के डायरेक्टर इनवेस्टिगेशन की ओर से रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसमें बिहार-झारखंड के आयकर विभाग के अन्वेषण के निदेशक की भी मदद ली जा रही है, ताकि इसमें इनपुट जोड़ा जा सके. भारत के इस्टर्न जोन में कोलकाता मुख्य अड्डा बनकर उभरा है. कई कंपनियों द्वारा महानगरों में एक कमरे में कार्यालय खोलकर सारा कुछ किया जा रहा है.