नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमान परिचारिका गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले की सहआरोपी अरुणा चड्ढा की जमानत याचिका पर आज दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. इस मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा आरोपी हैं .
न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने पुलिस से कहा कि वह जमानत याचिका पर छह दिसम्बर तक जवाब दाखिल करे. अरुणा ने उच्च न्यायालय में यह याचिका तब दायर की जब निचली अदालत ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया.
अरुणा को निचली अदालत ने गत 16 नवम्बर को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया गया था. उससे एक दिन पहले उसने दो महीने की अंतरिम जमानत समाप्त होने के बाद आत्मसमर्पण किया था.
अरुणा ने इस आधार पर नियमित जमानत की मांग की थी कि वह अपनी नौ वर्ष की बेटी की अकेली अभिभावक है और उसे अपनी बेटी और वृद्ध अभिभावकों की देखभाल करनी है.
सत्र अदालत ने गत 16 नवम्बर के अपने आदेश में अरुणा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि उसके खिलाफ आरोपों की प्रकृति संगीन और गंभीर है तथा उसकी रिहायी से गवाहों को प्रभावित किये जाने की आशंका है जिनके बयान अभी दर्ज किये जाने बाकी हैं.
इससे पहले उच्च न्यायालय ने तीन दिसम्बर 2012 को उसे नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया था. अरुणा को इस मामले में गत वर्ष आठ अगस्त को गिरफ्तार किया गया था जबकि कांडा ने 18 अगस्त को आत्मसमर्पण किया था.
दोनों 23 वर्षीय गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप का सामना कर रहे हैं. कांडा के एमडीएलआर एयरलाइंस में गीतिका विमान परिचारिका के रुप में कार्यरत थी.
दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी के लिए जालसाजी और पीडि़ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. गीतिका पांच अगस्त 2012 को पश्चिमोत्तर दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने आवास पर मृत मिली थी. उसने अपने सुसाइड नोट में कहा है कि वह कांडा और अरुणा की प्रताड़ना के चलते आत्महत्या कर रही है.
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि कांडा पर पीडि़ता को लेकर सनक सवार थी और वह उस पर कंपनी में वापस आने के लिए दबाव डाल रहा था.