जबलपुर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने नाबालिग बालिका का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार कर हत्या के आरोप में जिला न्यायालय द्वारा फांसी की सजा से दंडित आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए. के. श्रीवास्तव ने कल अपने आदेश में पुलिस की जांच पर सवालियां निशान उठाते हुए कहा है कि प्र्याप्त सबूत नहीं होने का लाभ आरोपी को मिल रहा है. भोपाल के इस बहुचर्चित बलात्कार मामले के एक आरोपी को जिला न्यायालय ने बरी कर दिया था.
अभियोजन के अनुसार जीआरपी में हवलदार के घर आरोपी मोटर मैकेनिक मोहम्मद मुस्तफा का आना जाता था. हवलदार की 16 वर्षीय बेटी 28 सितंबर 2012 को दोपहर लगभग दो बजे अपने भाई के साथ घर लौट रही थी. इसी दौरान मोटर मैकेनिक उन्हें रास्ते में कार लेकर मिला और दोनों को बैठा लिया. आधे रास्ते में आरोपी ने किशोरी के भाई को पचास रुपए देकर उतार दिया.
आरोपी किशोरी को लेकर गैराज गया और उसके साथ कार में बलात्कार किया. मामला खुलने के डर से आरोपी ने किशोरी की हत्या कर दी और अपने साथी मो. अजीज के साथ मिलकर लाश को कार की डिक्की में डाला और बुधनी के मिडघाट में फैंक आये. किशोरी के लापता होने की सूचना परिजन द्वारा हबीबगंज थाने में करवाई थी.