मुजफ्फरपुर: निगरानी-सतर्कता समिति की बैठक में गुरुवार को जम कर हंगामा हुआ. हंगामा करनेवाले कोई और नहीं माननीय विधायक थे, जिनका विरोध समिति के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के व्यवहार को लेकर था. इनका कहना था, रघुवंश प्रसाद सिंह बैठक के दौरान इन्हें अपनी बात रखने नहीं देते हैं. अगर अधिकारियों से कोई बात की जाती है तो वह बीच में ही रोक देते हैं. ऐसे में योजनाओं पर क्या काम हो रहा है. इस पर कैसे बात हो सकती है? वहीं, रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, विधायक मामले को समझते नहीं है, जो मामला उन्हें विधानसभा में उठाना चाहिए. वह उसे निगरानी समिति की बैठक में उठा रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर जदयू व बीजेपी के विधायकों ने बैठक का बहिष्कार किया.
मुजफ्फरपुर समारहणालय सभागार में निगरानी-सतर्कता समिति की बैठक चल रही थी. योजनाओं पर बात हो रही थी. बैठक समाप्ति की ओर थी. इसी दौरान केंद्रीय योजनाओं को लेकर अभियंत्रण विभाग के एक अधिकारी से विधायक सवाल करने लगे. इस समिति के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने विधायकों को रोका और बैठ जाने को कहा. अध्यक्ष की यह बात विधायकों को अच्छी नहीं लगी. वह उनका विरोध करने लगे. इसमें कुछ प्रखंड प्रमुखों ने भी विधायकों का साथ दिया. इस दौरान डीएम अनुपम कुमार ने हस्तक्षेप की कोशिश की, ताकि मामला शांत हो सके, लेकिन विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. वह हंगामा करते हुये बैठक से बाहर चले गये. इनका कहना था, समिति के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह इन्हें बोलने का मौका नहीं देते हैं.
बैठक से निकले विधायक डीएम के चेंबर में चले गये. वहां कुछ देर तक रहे. इसके बाद समाहरणालय परिसर में आ गये. इस दौरान विधायक आपस में समिति अध्यक्ष क लेकर असंसदीय भाषा का भी इस्तेमाल कर रहे थे. बैठक का बहिष्कार करनेवाले विधायकों में वीणा देवी, मनोज कुशवाहा, अजीत कुमार व एमएलसी दिनेश सिंह शामिल थे. इधर, समिति अध्यक्ष रशुवंश प्रसाद सिंह ने बताया कि सदस्य लोग बिना सिर पैर की बात करते हैं, जो मुद्दा विधानसभा में उठाना चाहिए, उसको निगरानी की बैठक में लाते हैं. सरकार के सामने कुछ बोल नहीं सकते. यहां पर भड़ास निकालते हैं. बैठक से विधायकों के वाकआउट के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि यह सब दिखाने के लिए है.