चैन्नईः पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का अपना खिताब बरकरार रखने का सपना आज यहां चकनाचूर हो गया जबकि नार्वे के मैगनस कार्लसन विश्व चैंपियनशिप में दसवीं बाजी ड्रा कराकर शतरंज के नये बादशाह बन गये.
आलम यह रहा कि नार्वे के खिलाड़ी ने आनंद को चार घंटे और 45 मिनट तक जूझने के लिये मजबूर किया. विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में यह सबसे एकतरफा मुकाबला रहा जिसके समाप्त होने के बाद आनंद ने निश्चित तौर पर राहत की सांस ली होगी.
आनंद ने पांच बार 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में खिताब जीता था लेकिन विडम्बना देखिये कि उन्हें अपने घरेलू शहर चेन्नई में अपना ताज गंवाना पड़ा.
कार्लसन खिताब के करीब थे और आनंद की ज्यादा उम्मीद नहीं बची थी. हालांकि नार्वे का खिलाड़ी संभावित पुनरावृत्ति से पहले हटा. आनंद ने इसके बाद दो छोटे मोहरों की अदला बदली के बाद कुछ राहत की सांस ली लेकिन तब दबाव उन्हीं पर था.
आनंद के पास अतिरिक्त घोड़ा था लेकिन कार्लसन के पास रानी और खतरनाक दिख रहे दो प्यादे थे. आनंद ने ऐसे में सही चाल पर ध्यान दिया और कार्लसन को ड्रा के लिये मजबूर किया. यह बाजी 65 चाल तक चली. कार्लसन को खिताब के अलावा पुरस्कार राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा मिला जो कि लगभग 14 करोड़ रुपये बनता है.
दबाव में हार गये आनंद : कार्लसन
चेन्नई: नये विश्व चैंपियन मैगनस कार्लसन ने आज कहा कि पांच बार के खिताब धारक विश्वनाथन आनंद विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुकाबले में दबाव में हार गये.
कार्लसन ने दसवीं बाजी ड्रा करवाकर खिताब जीतने के बाद कहा कि वह दबाव था जिससे आनंद उभर नहीं पा रहे थे. उन्होंने आनंद पर 6.5 – 3.5 से जीत दर्ज करने के बाद कहा, ‘‘उनकी कुछ गलतियों की जिम्मेदारियां मैं लेना पसंद करुंगा. यहां तक कि विश्व चैंपियनशिप में भी लोग दबाव में बिखर जाते हैं.
इतिहास इसका गवाह है. उन्होंने जो बड़ी गलतियां की वह अमूमन ऐसी गलतियां नहीं करता. मैं वास्तव में यही चाहता था कि उन्हें लंबे समय तक खेलने के लिये मजबूर करुं. ‘‘ वर्तमान समय में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कार्लसन ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह 1975 के बाद पश्चिमी देशों के पहले चैंपियन हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. यहां और लंदन : जहां कार्लसन ने कंडिडेट्स में जीत दर्ज करके लिये यहां के लिये क्वालीफाई किया था : दोनों जगह मुकाबला कड़ा था. भारत में मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया गया. ‘‘
कार्लसन ने आखिरी बाजी के बारे में भी बात की जिसमें उन्होंने ड्रा कराने से पहले आनंद को काफी परेशानी में रखा. उन्होंने कहा कि चैंपियनशिप का अंत अच्छा हुआ.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ठोस शुरुआत की कोशिश कर रहा था. मैंने जो कुछ हासिल किया उससे मैं खुश हूं. मेरी स्थिति बहुत अच्छी थी और कोई कमजोरी नहीं थी. बाजी आगे बढ़ने के साथ मैंने तय कि जब तक जोखिम नहीं है मुझे जीत की कोशिश करनी चाहिए. टाइम कंट्रोल के बाद कुछ अवसरों पर वैरीएशन काफी जटिल हो गये थे और इसलिए मैंने ड्रा का फैसला किया. मैं समझता हूं कि यह अच्छा मुकाबला था और चैंपियनशिप का अंत अच्छा हुआ.’‘ कार्लसन ने हालांकि अब भी मुकाबले के लिये अपनी पूरी टीम का खुलासा नहीं किया.
उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी से छिपा नहीं है कि जान लुडविग हैमर : उनका दोस्त और ग्रैंडमास्टर : मेरे साथ काम कर रहा था. कुछ और भी थे. मैं उनकी कड़ी मेहनत का आभारी हूं. ‘‘ कार्लसन ने चौथी बाजी को टर्निंग प्वाइंट बताया और कहा कि उसके बाद वह काफी अच्छा महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘चौथी बाजी के बाद मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था. मेरा मानना था कि भले ही मैं जीत नहीं पाया लेकिन मुकाबला अच्छा हुआ था. तीसरी बाजी मेरे लिये सामान्य नहीं थी. असल में तीसरी और चौथी बाजी से मुझे लगा कि उसे हराया जा सकता है.’‘