नयी दिल्ली\मुंबई : तहलका पत्रिका के संपादक तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद आज पत्रिका की मैनेजिंग एडिटर शोमा सरकार ने कहा कि हमने पीडि़ता पर कोई दबाव नहीं बनाया है और अगर वह चाहे तो पुलिस के पास जा सकती है. उन्होंने बताया कि तेजपाल के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. शोमा सरकार ने कहा कि हमने कुछ नहीं छिपाया है.
यौन उत्पीड़न मामले में फंसे तहलका के संपादक तरुण तेजपाल को आज गिरफ्तार किया जा सकता है. गोवा पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने होटल में जा कर जांच की और सीसीटीवी फुटेज को भी अपने कब्जे में कर लिया है. महिला सहकर्मी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया. गोवा पुलिस जहां तेजपाल को तलब करने पर विचार कर रही है, वहीं साप्ताहिक पत्रिका के इस मुद्दे से निपटने को लेकर भी सवाल पैदा हो रहे हैं.
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तहलका प्रबंधन की तीखी आलोचना की
भाजपा की मांग, तेजपाल को तुरंत गिरफ्तार किया जाये
पीड़ित महिला पत्रकार ने तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी से शिकायत की थी कि तेजपाल ने तकरीबन 10 दिन पहले पत्रिका की ओर से गोवा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वहां के एक होटल की लिफ्ट में उसे खींच लिया था ताकि उसका उत्पीड़न कर सके. पीड़ित महिला पत्रकार अब पत्रिका की ओर से इस मुद्दे की जांच और कार्रवाई के लिए एक आंतरिक समिति के गठन की मांग कर रही है.
इस मुद्दे पर चौधरी के बयान की महिला कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ पत्रकारों ने आलोचना की है. उन्होंने मांग की है कि इस घटना में कानून अपना काम करे. चौधरी ने आज कहा था कि इस मामले पर सही कार्रवाई करने के लिए उन्हें समय चाहिए.गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ पणजी में बैठक की. इसके बाद घटना की प्राथमिक जांच का आदेश दिया गया.
तहलका मामला:महिला आयोग चाहती है पीड़िता प्राथमिकी दर्ज कराए
पुलिस ने जिस पंचसितारा होटल में यह घटना हुई है उसके सीसीटीवी फुटेज की मांग की है. उन्होंने घटना का स्वत: संज्ञान लेने और उस आधार पर आगे बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया है.
पार्रिकर ने कहा कि जांच शुरु कर दी गई है और ‘‘अगर हम तेजपाल के खिलाफ कुछ भी ठोस सबूत पाते हैं तो उनके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया जा सकता है क्योंकि घटना गोवा में हुई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस रिपोर्ट के बाद ही मैं इस मुद्दे पर और बोलने में सक्षम हो पाउंगा.’’डीआईजी ओ पी मिश्र ने बताया कि पुलिस ने उन दिनों के पूरे फुटेज की मांग की है जिस दौरान यह घटना हुई. उन्होंने कहा, ‘‘टेप का फुटेज मिलने के बाद ही आगे हम और टिप्पणी करने में सक्षम होंगे.’’
जिस तरीके से पीड़िता की शिकायत से तहलका प्रबंधन निपटा, उसको लेकर वह निशाने पर है. वह तेजपाल को पद से छह महीने के लिए अलग करने का बयान देकर बच निकलने देने के लिए भी निशाने पर हैं.आलोचकों ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि कैसे पत्रिका में महिला कर्मचारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए कोई आंतरिक समिति नहीं है जबकि विशाखा मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार यह अनिवार्य है.
मीडिया की ओर से अनेक सवाल पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि न तो वह और न ही तेजपाल या तहलका भगोड़ा हैं और घटना पर सही तरीके से कार्रवाई करने के से पहले उन्हें सभी मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप इसपर तत्काल प्रतिक्रिया के लिए इस तरह का दबाव डालेंगे तो अगर मैं नहीं कर सकती हूं, तो मैं लड़खड़ा जाउंगी, संस्थान लड़खड़ा जाएगा. यह मुश्किल स्थिति है. मैं सभी वास्तविक सवालों और जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं उसका निराकरण करुंगी. इसे प्राथमिकता देने के लिए समय चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से ये पत्र लीक हुए हैं, उससे मैं उस तरीके से कार्रवाई करने में सक्षम नहीं हो पा रही हूं जैसे मुझेकरना चाहिए.’’ पत्रकारों से उन्हें सही तरीके से कार्रवाई करने देने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वह उनके सवालों को समझती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले कार्यालय से बातचीत करने के लिए दफ्तर जा रही हूं. वही मेरी प्राथमिकता है.’’ जब उनसे एक महिला के तौर पर इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, ‘‘महिला होना और पत्रकार होना दो अलग बातें नहीं हैं.’’
जब संवाददाताओं से चौधरी का एक बार फिर सामना हुआ तो उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता पीड़ित पत्रकार के लिए है और ‘‘वह जो चाहती है मैं उसके अनुरुप काम कर रही हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ है कि वह चाहती थी कि माफी मांगी जाये और ऐसा कर दिया गया. उन्होंने (तेजपाल ने) इस्तीफा दे दिया. इसकी उसने मांग नहीं की थी. वह जो चाहती थी यह उससे काफी अधिक है.’’चौधरी ने कहा कि वह घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने की प्रक्रिया में हैं.
एक संवाददाता ने जब यह पूछा कि क्या तेजपाल कानून का सामना करेंगे क्योंकि यह आपराधिक मामला है तो उन्होंने कहा, ‘‘जितना मुझेपता है, जब तक आपको उससे अधिक पता नहीं हो, तब तक यह कोई मामला नहीं बनता महाशय.’’
तरुण तेजपाल का माफीनामा
तेजपाल ने तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी को लिखा है जिसमें कहा गया है, `पिछले कुछ दिन बहुत परीक्षा वाले रहे और मैं पूरी तरह इसकी जिम्मेदारी लेता हूं. एक गलत तरह से लिए फैसले, परिस्थिति को खराब तरह से लेने के चलते एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई जो उन सभी चीजों के खिलाफ है जिनमें हम विश्वास करते हैं और जिनके लिए संघर्ष करते हैं.`
तेजपाल ने कहा, `मैंने संबंधित पत्रकार से अपने दुर्व्यवहार के लिए पहले ही बिना शर्त माफी मांग ली है लेकिन मैं महसूस कर रहा हूं कि और प्रायश्चित की जरूरत है.` तहलका के संस्थापक सदस्य तरुण तेजपाल ने अपने पत्र में लिखा है, `क्योंकि इसमें तहलका का नाम जुड़ा है और एक उत्कृष्ट परंपरा की बात है, इसलिए मैं महसूस करता हूं कि केवल शब्दों से प्रायश्चित नहीं होगा. मुझे ऐसा प्रायश्चित करना चाहिए जो मुझे सबक दे. इसलिए मैं तहलका के संपादक पद से और तहलका के दफ्तर से अगले छह महीने के लिए खुद को दूर करने की पेशकश कर रहा हूं.`
पीड़ित लड़की का मैनेजिंग एडिटर को लिखा गया शिकायत पत्र
बाद में शोमा चौधरी ने तहलका के बाकी कर्मचारियों को एक मेल भेजकर घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि एक अप्रिय घटना घटी और तरुण ने इस मामले में महिला पत्रकार से बिना शर्त माफी मांगी है. वह अगले छह महीने के लिए तहलका के संपादक पद से अलग रहेंगे. तेजपाल के मेल की सूचना कर्मचारियों को दे दी गई है. चौधरी ने कहा कि यह संस्थान का भीतरी मामला है और महिला पत्रकार इस जवाब और माफीनामे से संतुष्ट है.