भागलपुर: मुहर्रम के सातवीं तारीख मंगलवार को असानंदपुर बड़ा इमामबाड़ा में मजलिस व नौहा खानी व मरसिया खानी का आयोजन किया गया. इस मौके पर सैयद मौलाना डॉ मुसलिम ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने डूबते हुए दीन -ए-इसलाम को बचाया. इमाम हुसैन आखिरी वक्त तक लोगों को पैगाम -ए- हिदायत देते रहे. जिसे दिल पर असर हुआ, वो यजीद की फौज से निकल कर हुसैन के साथ हो गये. जिसके दिलों पर हजरत के बातों का असर नहीं हुआ वह यजीद के लश्कर में रहे. उसने अपने आखरत को खराब किया.
हजरत इमाम हुसैन ने लोगों को संदेश दिया कि अपने हो या गैर सभी को साथ में लेकर चलें. लोगों को बराबरी का दर्जा दिया जाये. कार्यक्रम के दौरान मरसिया समर मेहंदी और नौहा खानी कलमे आजाद ने पढ़ी. छोटे इमामबाड़ा में मजलिस मौलाना शाबिर और नौहा विक्टर ने पढ़ी. इसके बाद असानदंपुर मोहल्ले में अल्म निकाला गया. लोगों ने मातम पेश किया.
महबूब साहब इमामबाड़ा में भी मजलिस हुआ. मौलाना नासिर ने मजलिस पढ़ी. इसके बाद हजरत असगर अलैह सलाम का झूला व अल्म निकाला गया. अली हसन के इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया. मौलाना मुसलिम ने मजलिस पढ़ी. मुहर्रम की आठवीं तारीख को बड़ा इमामबाड़ा से शाम 5.30 अल्म का जुलूस निकाला जायेगा. जुलूस मुसलिम हाइस्कूल समपार होते हुए पंखा टोली हबीबपुर लल्लो मियां के इमामबाड़ा तक जायेगा.
वहां मातम व मरसिया पढ़ने के बाद उसी रास्ते बड़ा इमामबाड़ा असानदंपुर पहुंच कर समाप्त हो जायेगा. रात्रि 10 बजे नवन साहब के इमामबाड़ा में आग पर लोग चल कर मातम करेंगे. खलीफाबाग इमामबाड़ा, नया बाजार इमामबाड़ा, अनवर साहब के इमामबाड़ा से भी अल्म निकाले जायेंगे. यह जानकारी जिला शिया वक्फ बोर्ड के सचिव जीजाह हुसैन ने दी.