धनबाद: उपायुक्त प्रशांत कुमार ने जाति बदल कर जमीन बेचने के एक मामले में जिला परिषद सदस्य सुभाष राय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. जिप सदस्य सुभाष राय जो मूलत: बोकारो जिला के पिंड्राजोरा थाना के दुर्गापुर गांव के रहने वाले हैं, ने बाघमारा अंचल से भुइंया जाति (अनुसूचित जाति) का प्रमाणपत्र बनवा कर चुनाव में विजयी घोषित हुए.
उनके खिलाफ बरोरा के राजेश राम ने शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि श्री राय ने डीड संख्या 14191 दिनांक 21.10.11 के जरिये एक जमीन खरीदी. इसमें सुभाष राय की जाति भुइंया लिखी हुई है. जबकि डीड संख्या 3728 दिनांक 14.06.12 के जरिये उसी जमीन को बेचा जिसमें सुभाष राय की जाति घटवार लिखी है. यह जमीन बाघमारा अंचल के खाता नंबर 10, प्लॉट नंबर 122 में कुल रकवा 6.06 डिसमिल है. डीसी ने इसकी जांच अवर निबंधक से करायी. जांच में सारे आरोप सही पाये गये.
डीड राइटर के माथे दोष मढ़ा
उपायुक्त प्रशांत कुमार ने जिला परिषद सदस्य सुभाष राय को शो-कॉज किया. जिसके जवाब में श्री राय ने लिखा है कि उन्हें नहीं मालूम किस परिस्थिति में डीड राइटर केपी गोरांई ने उनकी जाति बदल दी. आरोप है कि भुइंया जाति के सदस्य सीएनटी एक्ट के तहत जमीन नहीं बेच सकते. इसलिए उन्होंने जाति बदल कर अपनी जमीन बेची. उपायुक्त ने इस मामले में निबंधन अधिनियम की धारा 82 के तहत जिप सदस्य सुभाष राय, डीड राइटर केपी गोरांई, जमीन क्रेता किशोरी प्रसाद गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
सदस्यता पर खतरा
सूत्रों के अनुसार इस मामले में अगर कोर्ट से जिप सदस्य सुभाष राय को सजा होती है तो उनकी सदस्यता भी समाप्त हो सकती है. फरजीवाड़ा के मामले में तीन वर्ष से अधिक की सजा हो सकती है.