रांची: सारंडा में 11 सड़कों में से दो ही सड़कें बनी हैं. नौ सड़कों का काम शिडय़ूल से काफी पीछे चल रहा है. यानी ये सड़कें तय तिथि में भी नहीं बन पायी हैं. एक सड़क कसइपेचा से जोजुगुटू का निर्माण जून में ही हो जाना था. मनोहरपुर के कोलिबुरू से बहादा की स्थिति भी खराब है. इस सड़क की प्रगति 5-6} ही है. वहीं अधिकतर सड़कों की प्रगति 50%से कम है, जबकि सभी सड़कों को नवंबर-2013 में बना लेना था. इनका एग्रीमेंट मई या जून 2012 में ही हुआ था. इस तरह एग्रीमेंट के करीब डेढ़ माह बीत चुके हैं.
दो सड़कों का हो चुका है उदघाटन
मनोहरपुर में मात्र दो ही सड़क डोंडारी से सलाई व मरकंडा से फुलवारी का निर्माण कराया जा सका है. डोंडारी से सलाई जानेवाली सड़क का एग्रीमेंट जनवरी 2012 व मरकंडा से फुलवारी सड़क का एग्रीमेंट जून 2012 में हुआ था. इन दोनों सड़कों का उदघाटन हो गया है. केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश भी इस दौरान मौजूद थे.
जयराम रमेश का खास ध्यान
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के प्रयास से सारंडा में सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है. सारी सड़कें मनोहरपुर प्रखंड में हैं. इसका काम केंद्रीय एजेंसी एनपीसीसी करा रही है. एनपीसीसी ने ठेकेदारों को काम दिया है. मंत्री ने कई बार निर्देश दिया है कि इन सड़कों का काम गुणवत्तापूर्ण व समय से हो.
बनने से क्या होते लाभ
अगर सारी सड़कें बन जाये, तो सुदूर जंगली इलाकों में स्थित गांवों की स्थिति सुधर जायेगी. ग्रामीणों को सड़क की सुविधा मिलने से उनका आवागमन प्रखंड कार्यालय तक हो जायेगा. गांवों में प्रखंड, अंचल व अस्पताल के कर्मी आ-जा सकेंगे. ग्रामीणों को भी एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड जाने में आसानी होगी. अपनी उपज को लेकर इन सड़कों से होकर बाजार तक जा सकेंगे.
क्यों हो रहा विलंब
ठेकेदारों ने काम तो ले लिया है, पर उसे समय से पूरा नहीं किया जा रहा है. इसे लेकर बार-बार ठेकेदारों को निर्देश भी दिया जा रहा है. इनका प्रोग्रेस खराब है. उसे जल्द से जल्द काम पूरा करने को कहा गया है.