रांची: राज्य सरकार ने शहीदों के गांव को आदर्श गांव बनाने फैसला किया है. सीएम ने नौ नवंबर को कहा था कि बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू व सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जायेगा.
शहीदों के गांव को आदर्श गांव बनाने का फैसला एक साल पहले ही हो गया था. अजरुन मुंडा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने इसकी पहल की थी. 25 मार्च 2012 को कैबिनेट की बैठक हुई थी, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका. इस पर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री सुदेश महतो ने नाराजगी जाहिर करते हुए बजट नहीं प्रस्तुत करने की बात कही थी.
सुदेश महतो के दबाव को देखते हुए 26 मार्च 2012 को सुबह नौ बजे कैबिनेट की बैठक बुलायी गयी. इसमें शहीदों के 19 गांव समेत 100 गांवों को आदर्श गांव बनाने का निर्णय लिया गया. इनमें बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू और सिदो-कान्हू की जन्मस्थली भोगनाडीह भी शामिल थे. शहीदों के गांव को आदर्श गांव बनाने का काम भी शुरू हो गया है. इस क्रम में सुदेश महतो ने शहीद शेख भिखारी के पैतृक गांव खुदिया लोटा की आधारशिला भी रखी थी.
इधर, मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार ने उलिहातू और भोगनाडीह को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने विशेष पैकेज भी तैयार किया है. दोनों गांवों में एक भी कच्चा मकान नहीं होगा. तीन माह के अंदर इन दोनों जगहों पर पक्के मकानों का निर्माण किया जायेगा.