पटना: पिछले साल छठ के मौके पर हुए हादसे से सबक लेते हुए इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व ट्रैफिक की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की थी. इस कारण कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. दानापुर से दीदारगंज तक 84 घाट हैं.
इनमें 37 को खतरनाक घोषित किया गया था. प्रशासन इस बार इन सभी घाटों पर एक मजिस्ट्रेट के साथ एक-दो पुलिस पदाधिकारी व चार से आठ पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की थी. पटना सदर अनुमंडल में 81 मजिस्ट्रेट व पटना सिटी अनुमंडल में 68 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है.
घाटों के साथ ही संपर्क पथ, मुख्य सड़क व चौक-चौराहों पर भी मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल को तैनात किया गया था. जिलाधिकारी एन श्रवण कुमार ने बताया कि सभी घाटों, संपर्क पथ, भीड़-भाड़ वाले व संकीर्ण पथों की वीडियोग्राफी भी करायी गयी. कलेक्टेरियट घाट, महेंद्रू घाट, मिश्री घाट, टीएन वनर्जी घाट, कदम घाट, काली घाट, कृष्णा घाट व गांधी घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंजतार किये गये थे. इन घाटों पर मजिस्ट्रेट के साथ ही भारी संख्या में पुलिस बलों को तो तैनात किया गया था. पहुंच पथ व चौक-चौराहों पर भी मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गयी थी. लोगों व उनके समानों को चेक करने के लिए मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वाड, बम स्क्वाड भी था. इन सभी घाटों पर एनडीआरफ की टीम को भी तैनाती की गयी थी. एनडीआरएफ की टीम घाटों के साथ ही गंगा में वोटर बोट से पैट्रोलिंग भी कर रहे हैं.
हर पैट्रोलिंग बोट पर एक गोता खोर की भी व्यवस्था की गयी थी. सबसे ज्यादा भीड़ इस बार महेंद्र घाट, कलेक्टेरियट घाट, कृष्णा घाट व गांधी घाटों पर रही. इन घाटों की पहुंच पथ से लेकर गंगा किनारे व दीयारे तक हर 50 मीटर पर एक सिपाही की तैनाती की गयी थी. इधर, ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने व छठव्रतियों को कोई दिक्कत नहीं हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को भी काफी संख्या में लगाया गया था. कारगिल चौक से एनआइ मोड़ तक किसी भी वाहन को अशोक राज पथ होते हुए जाने नहीं दिया जा रहा था. घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर किसी भी वाहन को जाने की इजाजत नहीं थी.