नयी दिल्ली : भारत की महिला हॉकी टीम को जापान के काकामिघारा में एशियाई चैम्पियन्स ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले में जापान के हाथों 1.0 की शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
भारत शुरुआत में ही पिछड़ गया जब मैच के दूसरे ही मिनट में ओत्सुका शिहो ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर मेजबान टीम को बढ़त दिला दी. भारत को आठवें मिनट में बराबरी हासिल करने का मौका मिला जब उसे पहला पेनल्टी कार्नर मिला. टीम ने हालांकि इस मौके को गंवा दिया.
गोलकीपर सविता की अगुआई में भारतीय डिफेंस ने अच्छा प्रदर्शन किया. जापान को अगले 10 मिनट में तीन और पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन भारतीय डिफेंस ने उनके सारे हमले नाकाम कर दिए.
भारतीय टीम ने मध्यांतर के बाद वापसी की कोशिश की. टीम ने कुछ अच्छे मौके बनाए लेकिन फॉरवर्ड खिलाड़ियों ने निराश किया. गोलकीपर सविता अगर शानदार प्रदर्शन नहीं करती तो भारत की हार का अंतर अधिक होता. उन्होंने 50वें मिनट में भी पेनल्टी कार्नर पर शानदार बचाव करते हुए जापान को बढ़त दोगुना करने से रोका. भारत ने जापान को कड़ी चुनौती दी लेकिन टीम बराबरी का गोल नहीं दाग सकी.
चार टीमों की इस प्रतियोगिता में जापान को स्वर्ण पदक जबकि मलेशिया को कांस्य पदक मिला. टूर्नामेंट की तीसरी टीम चीन की थी जिसे कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले में मलेशिया के हाथों 1.3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा.