रांची: केंद्रीय सहकारी बैंक धनबाद से ऋण वितरण दिखा कर करोड़ों की धोखाधड़ी करने के मामले में शामिल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज होगी. सरकार ने इससे संबंधित आदेश निगरानी को दिया है.
जिन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है, उनमें रमोद नारायण झा, अखिलेश कुमार, नंद किशोर मिश्र उर्फ नरेंद्र मिश्र (सभी तत्कालीन एमडी, केंद्रीय सहकारिता बैंक धनबाद), धनश्याम मंडल (प्रखंड सहकारिता प्रसाद पदाधिकारी, सखी चंद्र महतो (शाखा प्रबंधक, सहकारिता बैंक, झरिया), विनोद कुमार (प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, शेषनाथ सिंह (सहकारिता प्रसार पदाधिकारी), तंत्रनाथ झा तत्कालीन अंकेक्षक वर्तमान में जिला अंकेक्षक,परशुराम चौहान (बीसीसीएल कर्मचारी), नॉर्थ तिसरी कोलियरी कर्मचारी सहयोग समिति के कोषाध्यक्ष और गोपी चालक सहयोग समिति के ऋण वसूली अभिकर्ता शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच निगरानी ने वर्ष 2009 में शुरू की थी. जांच में पाया गया कि कोलियरी कर्मचारी शाखा सहयोग समिति के फरजी सदस्यों के नाम से बीसीसीएल प्रबंधन के जाली प्रमाण पत्रों के आधार पर बैंक अधिकारियों ने करोड़ों का ऋण वितरण दिखा कर रुपये अपने पास रख लिये. जांच के दौरान इन अधिकारियों पर धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप भी सही पाया गया.
निगरानी ने रिपोर्ट सरकार के पास भेज कर मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने मामले की दोबारा समीक्षा करने का आदेश दिया था. समीक्षा के उपरांत निगरानी ने दोबारा रिपोर्ट सरकार को भेजी. अब इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति निगरानी को दी गयी है.