लंदन: महात्मा गांधी का चरखा आज ब्रिटेन में हुई एक नीलामी में 1,10,000 पौंड में बिका जो अनुमानित मूल्य से करीब दोगुना है. गांधी जी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान यरवदा जेल में इस चरखे का इस्तेमाल किया था.
श्रपशायर में मलोक नीलामी घर द्वारा ऐतिहासिक दस्तावेजों व शिल्पकृतियों की विशेष नीलामी में गांधी जी का वसीयतनामा भी 20,000 पौंड में बिक गया. मलोक के एक अधिकारी माइकल मोरिस ने बताया, ‘’ गांधी जी का चरखा 1,10,000 पौंड में नीलाम हुआ, जबकि उनका वसीयतनामा 20,000 पौंड में नीलाम हुआ.’’ चरखे के लिए न्यूनतम बोली 60,000 पौंड की लगी.
गांधी जी ने पुणे में जेल में रहते हुए इस चरखे का इस्तेमाल किया था और बाद में इसे अमेरिकन फ्री मेथोडिस्ट मिशनरी रेव्ड फ्लायड ए पफर को उपहार स्वरुप दे दिया था. गांधी जी का वसीयतनाम साबरमती आश्रम में गुजराती में लिखा गया था और यह अत्यधिक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो 1921 के समय का है.