– जयनारायण –
प्रदूषण विभाग की जांच रिपोर्ट में खुलासा, झील का पानी
हजारीबाग : हजारीबाग झील का पानी प्रदूषित है. प्रदूषण विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार यह पानी पीने योग्य नहीं है. पानी का कैटोगरी सी ग्रुप का है. जिसे मनुष्य पी ले तो बीमार पड़ जायेगा. झील के पानी में मौजूद रासायनिक तत्व में काफी बदलाव आया है.
दुर्गा पूजा व दीपावली के बाद हजारीबाग के मीठा झील के पानी में प्रतिमा विसजर्न के बाद रासायनिक तत्व में तेजी से बदलाव आया. पानी के कैमिकल कम्पोनेंट में भारी बदलाव हुआ. जल का पीएच वैल्यू बदल गया है. कार्बनिक प्रदूषण झील में लगातार बढ़ रहे हैं.
बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड, जल की कठोरता, जल में उपलब्ध कैलशियम, मैगनेशियम, क्लोरीन और क्षारता बढ़ी है. पानी में घुले शॉलिड कंटेंट भी बढ़े हैं. जल के पीएच वैल्यू व डिजॉर्ब ऑक्सीजन घटा है. मीठे झील के पानी में आये बदलाव से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
इसी झील के पानी में होगा छठ पर्व : शहर के अधिकांश छठव्रती झील घाट पर ही भगवान भास्कर को अघ्र्य देते हैं. यहां का पानी शुद्ध करने की पहल भी शुरू नहीं हुई है. झील के चारों ओर कचरा पानी में तैर रहा है. आम लोग भी पानी सफाई के प्रति जागरूक नहीं हैं.
झील आनेवाले पर्यटक भी पानी को गंदा कर रहे हैं. कपड़ा व गाड़ी धोने, पॉलिथीन फेंकने, नाली का पानी झील में आने व प्रतिमा विसजर्न से भी जो गंदगी हुई है, उसे अभी तक दूर नहीं किया गया है.