कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस को जोरदार झटका देते हुए डायमंड हार्बर के पार्टी सांसद सोमेन मित्र ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस में वापस शामिल होने की घोषणा की है. सोमेन मित्र पूर्व में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं.
महानगर में काली पूजा आयोजन के उद्घाटन के मौके पर मित्र ने कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर अपनी मूल पार्टी कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है. हालांकि सोमेन ने यह नहीं स्पष्ट किया कि वह कब कांग्रेस में शामिल होंगे. मित्र ने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह संसद से इस्तीफा देंगे, क्योंकि वह समझते हैं कि उन्हें कांग्रेस में बतौर तृणमूल सांसद शामिल नहीं होना चाहिए. इसलिए पहले वह लोकसभा से त्यागपत्र देंगे. बड़ाबाजार में आयोजित पूजा आयोजन में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर उन्होंने बड़ी गलती की है. वह अपनी गलती समझ ली है. अब वह उसे सुधारेंगे और वापस अपनी मूल पार्टी में जाकर बतौर कांग्रेसी कार्यकर्ता लोगों की सेवा करेंगे.
इधर, तृणमूल आलाकमान मित्र की घोषणा पर खामोश है. उद्योग मंत्री व तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. लेकिन यदि कोई पार्टी छोड़ना चाहता है तो वह क्या कर सकते हैं.
यह दल छोड़नेवाले का मामला है कि वह रहेगा या जायेगा. उल्लेखनीय है कि सोमेन मित्र 1972 से 2006 तक सियालदह विधानसभा सीट से विधायक रहे. वर्ष 2008 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी, प्रगतिशील इंदिरा कांग्रेस बनायी जो वर्ष 2009 में तृणमूल कांग्रेस के साथ मिल गयी.
तृणमूल के टिकट पर वह 2009 में डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने. मित्र व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी में राजनीतिक तनातनी जगजाहिर है. वर्ष 1998 में ममता बनर्जी ने कांग्रेस को उस वक्त छोड़ा था जब सोमेन मित्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे. गौरतलब है कि मित्र की पत्नी शिखा मित्र जो खुद तृणमूल विधायक हैं, उन्हें भी पार्टी से अनुशासनात्मक कार्रवाई के चलते निलंबित कर दिया गया है.