धन समृद्धि के लिए हिंदू धर्म में लक्ष्मी पूजा का विधान है. माना जाता है कि देवी लक्ष्मी ही धन की देवी हैं. इन्हीं की कृपा से धन और वैभव प्राप्त होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही लक्ष्मी की पूजा होती है. दुनिया के विभिन्न देशों भी लक्ष्मी की पूजा होती है. हलांकि भारत में जिस तरह से लक्ष्मी को विष्णु की पत्नी और कमल पर विराजमान देवी माना गया है अन्य देशों में माता का ऐसा स्वरूप नहीं है.
रोम में अन्न की देवी लक्ष्मी
पुराणों की कथा के अनुसार एक बार देवी लक्ष्मी धरतीवासियों से रूठ गयीं. इससे अन्न का उत्पादन बंद हो गया. अकाल के कारण जीव-जंतु भूख-प्यास से व्याकुल होकर तड़पने लगे. लक्ष्मी की नाराजगी दूर हुई तो वही अन्नपूर्णा रूप में लोगों के दु:ख दूर करने प्रकट हुईं. रोम में लक्ष्मी माता के अन्नपूर्णा रूप की पूजा होती है. अन्न प्रदान करने वाली लक्ष्मी देवी को रोम में सीरिन देवी के नाम से जाना जाता है.
कमल नहीं यहां लक्ष्मी के हाथों में सांप
हिंदू धर्म में उल्लेख मिलता है कि मां दुर्गा अपने हाथों में नाग धारण करती हैं. लेकिन मिस्र में धन समृद्धि की देवी आइसिस को माना गया है. मिस्र की यह देवी अपने हाथों में सांप धारण करती हैं. मिस्र वासियों का मानना है कि यह देवी संकट के समय लोगों की रक्षा करती है. इस देवी की कृपा से ही सुख, संपत्ति एवं खुशियां आती हैं. भारत की तरह मिस्र में भी अवतारवाद की मान्यता है. यहां माना जाता है कि देवी आइसिस ने महारानी हेप्त के रूप में अवतार लिया था.
दूध प्रदान करने वाली क्षीरदा देवी
गाय को हिंदू धर्म में लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. संसार में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश डेनमार्क में भी खुशी और समृद्धि की देवी गाय को माना गया है. यूरोप में नीरिड एवं ओसियाड को समृद्धि की देवी माना जाता है. इस देवी का संबंध भी दूध उत्पादन से है.
उल्लू नहीं मोर है लक्ष्मी का वाहन
हिंदू धर्म में बताया गया है कि देवी लक्ष्मी का वाहन उल्लू है. लेकिन यूनान के धार्मिक ग्रंथों में लक्ष्मी का वाहन मोर बताया गया है. यूनान में देवी लक्ष्मी को हेरा एवं जूनो नाम से जाना जाता है. यहां माना जाता है कि हेरा आकाश में रहती हैं और खेतों को हरा-भरा रखती हैं. कृषि की देवी होने के कारण जूनो देवी को ग्राम लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है.