बक्सर. सीएमआर नहीं देनेवाले राइस मिलरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. ऐसे मिलरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. सोमवार को प्रशासन ने तीन मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही एक मिलर को हाउस अरेस्ट कर कोरानसराय थाने के हवाले कर दिया गया है. इसी क्रम में सीएमआर को लेकर रविवार की देर रात जिला पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल की अध्यक्षता में गोपनीय कार्यालय में सीएमआर प्राप्ति को लेकर वरीय उपसमाहर्ताओं और एसएफसी के प्रबंधक के साथ समीक्षात्मक बैठक हुई. बैठक के दौरान धान प्राप्त करने व उसके बदले सीएमआर एफसीआइ को जमा नहीं करने वाले के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है. जिलाधिकारी ने एसएफसी के प्रबंधक व जिला आपूर्ति पदाधिकारी को हर स्थिति में 30 नवंबर तक मिलरों से बचा सीएमआर जमा कराने का निर्देश दिया है. सीएमआर नहीं जमा करने वाले राइस मिलरों पर सर्टिफिकेट केश व कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है. बैठक में सभी वरीय उपसमाहर्ताओं को प्रतिदिन आवंटित मिलों में जाकर सीएमआर लोड कराने व एफसीआइ तक पहुंचाने का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जिले के मिलरों को धान का चावल बनाने के लिए धान का आवंटन दिया गया था. धान का आवंटन लेने के बाद भी मिलरों ने एफसीआइ को सीएमआर का चावल जमा नहीं किया. प्रशासन के बार-बार कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद भी कई मिलरों ने इस मामले में कोई पहल नहीं की. अंतत: जिला प्रशासन पिछले दिनों आधा दर्जन मिलरों के खिलाफ थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी. इसी क्रम में कोरानसराय स्थित तिवारी मार्डन राइस मिल के प्रबंधक के खिलाफ कोरानसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के दौरान मिल के प्रबंधक को हाउस अरेस्ट कर कोरानसराय थाने को सौंप दिया गया है. इसी क्रम में एसएफसी के प्रबंधक आलोक कुमार ने ब्रrापुर चौरस्ता स्थित हनुमान मिनी राइस मिल के मालिक राधेश्याम गुप्ता के खिलाफ ब्रrापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. नावानगर प्रतिनिधि के अनुसार, स्थानीय थाने के परमानपुर स्थित अमन राइस मिल के मालिक मो.अली के खिलाफ सीएमआर गबन का आरोप लगाते हुए वरीय उपसमाहर्ता सह एसएफसी प्रबंधक आलोक कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि वर्ष 12-13 में 22 हजार 242 क्विंटल धान दिया गया था, जिसके बदले में एफसीआइ को 14 हजार 300 क्विंटल चावल देना था, जिसका मूल्य तीन करोड़ 22 लाख 77 हजार है. बार बार आग्रह करने के बाद भी चावल नहीं दिया गया है. जिलाधिकारी ने पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि यदि कोई भी मिलर सीएमआर देने में कोताही बरतता है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे. प्रशासन के कड़े रुख के कारण राइस मिलरों के बीच एक बार फिर खलबली मच गयी है.
तीन मिलरों पर प्राथमिकी
बक्सर. सीएमआर नहीं देनेवाले राइस मिलरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. ऐसे मिलरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. सोमवार को प्रशासन ने तीन मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही एक मिलर को हाउस अरेस्ट कर कोरानसराय थाने के हवाले कर दिया […]
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