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ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं : डॉ मिश्र

संवाददाता, छपरा (नगर) लखनऊ विवि के पूर्व कुलपति सह आइआइटी, पवई के प्रोफेसर एमके मिश्र ने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के साथ ही उन्हें सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने गीता में वर्णित 26 गुणों में से कुछ गुणों की चर्चा करते हुए कहा […]

संवाददाता, छपरा (नगर)
लखनऊ विवि के पूर्व कुलपति सह आइआइटी, पवई के प्रोफेसर एमके मिश्र ने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के साथ ही उन्हें सही दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने गीता में वर्णित 26 गुणों में से कुछ गुणों की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें अहंकार, दंश व पूर्वाग्रह को त्याग करने की बात कही गयी है. उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्रओं से ऐसे दुगरुणों को दूर करने तथा अपने अंदर सद्गुणों को बढ़ाने की अपील की. प्रोफेसर मिश्र रविवार को जगदम कॉलेज परिसर में डिपार्टमेंट एवं साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा प्रायोजित साइंस इंस्पायर कैंप के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे. वहीं, जेपीविवि के कुलपति डॉ एसएन दूबे ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों के शैक्षणिक विकास में सहायक होते हैं. उन्होंने कैंप में आये प्रतिभागी छात्र-छात्रओं से इस मौके का लाभ उठाने की अपील की. कुलपति डॉ दूबे ने आयोजन के लिए प्राचार्य के प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें एक ऊर्जावान व्यक्ति बताया.
वहीं, प्राचार्य सह आयोजन प्रमुख डॉ प्रमेंद्र रंजन सिंह ने पांच दिवसीय कैंप के विभिन्न क्रियाकलापों से प्रतिभागियों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि किताबी ज्ञान महीनों व सालों में प्राप्त किया जा सकता है. मगर, आचरण व संस्कार को अच्छा बनाने में पूरा जीवन कम पड़ता है. प्राचार्य ने कहा कि इन पांच दिनों में प्रतिभागियों को साइंस की सभी शाखाओं में रिसोर्स पर्सन के अनुभव, दुनिया में हो रहे नयी आविष्कारों की जानकारी के साथ ही समाज में व्याप्त कई भ्रांतियों को साइंस के माध्यम से परदाफाश किया जायेगा. कार्यक्रम का संचालन सीनेटर ब्रजकिशोर सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन जेपीविवि के कुलसचिव प्रो. विजय प्रताप कुमार तथा स्वागत भाषण कार्यक्रम समन्वयक डॉ राणा विक्रम सिंह ने किया. इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ मिश्र, जेपीविवि के कुलपति, कुलसचिव आदि ने विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. वहीं, एनएसएस की छात्रओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया. इस दौरान रिसोर्स पर्सन डॉ आनंद ने महान प्ले बैक सिंगर मन्ना डे को श्रद्धांजलि देते हुए उनके गीत जिंदगी कैसी है पहेली हाय, कभी ये हंसाये कभी ये रुलाये गाकर उद्घाटन सत्र को यादगार बना दिया. इस मौके पर विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ देवांशु कुमार, एनएसएस के विवि समन्वयक डॉ वीवी त्रिपाठी, डॉ विश्वामित्र पांडेय, डॉ जागो चौधरी, डॉ केदार प्रसाद, प्राचार्य डॉ केपी श्रीवास्तव, धनंजय सिंह, सीपीएस के निदेशक हरेंद्र सिंह, उपनिवेश सिंह, हरिहर मोहन मुख्य रूप से उपस्थित थे.
सकारात्मक करें काम
उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित प्रथम एकेडमिक सत्र को संबोधित करते हुए रिसोर्स पर्सन सह मुख्य अतिथि डॉ एमके मिश्र ने ज्ञान को सबसे बड़ी संपत्ति बताया. उन्होंने इसे तर्क के आधार पर प्रतिभागियों को समझाते हुए कहा कि वर्तमान में सबसे धनी व्यक्ति माने जानेवाले माइक्रो सॉफ्ट कंपनी के बिल गेट्स ने भी ज्ञान के बूते ही यह मुकाम पाया है.
उन्होंने इस दौरान प्रतिभागी छात्र-छात्रओंसे ज्ञान हासिल करने तथा उसका उपयोग सकारात्मक उद्देश्य व कार्यो से करने की अपील किया. उधर, द्वितीय सत्र में राची विवि के प्राध्यापक डॉ आनंद कुमार ठाकुर ने मनसा, वाचा कर्मणा को जीवन में उतारने की बात कही. उन्होंने अपने संबोधन में रिसर्च से छात्रों की घटती रुचि को चिंतनीय बताया. उन्होंने कहा कि रिसर्च के क्षेत्र में सम्मान के साथ पैसा भी अजिर्त किया जा सकता है.
कार्यक्रम में दिखा उत्साह
उधर, देर शाम को कार्यक्रम स्थल पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्र-छात्रओं के साथ ही रिसोर्स पर्सन ने कार्यक्रम का जम कर लुत्फ उठाया. इस दौरान रेडियो जॉकी के रूप में काम कर चुके डॉ आनंद ठाकुर का जलवा मंच पर छाया रहा, तो प्रतिभागी भी इसमे पीछे नहीं रहे. ऐसे में देर रात तक कैंप गीत, संगीत व चुटकुलों से गुलजार रहा.

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