रांची/कांके: बिरसा कृषि विवि के कुलपति डा एमपी पांडेय ने कहा है कि सभी कार्य नियमानुसार होंगे. वे किसी भी हालत में दबाव में कार्य नहीं करेंगे. आकस्मिक श्रमिकों को नियमित और स्थायी करने के लिए सरकार पद सृजित कर पैसा उपलब्ध करायेगी, तो इसमें विवि को कोई परेशानी नहीं है. इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रबंध समिति की बैठक में रखा जायेगा.
कुलपति ने उक्त बातें विवि प्रशासन और झारखंड कर्मचारी मजदूर संघ के नेताओं के साथ 25 अक्तूबर को विवि मुख्यालय में आयोजित वार्ता में कही. वार्ता में पांच बिंदुओं पर सहमति भी बनी. वार्ता में वीसी ने आकस्मिक श्रमिकों की मृत्यु पर आश्रित को अनुकंपा पर रखने से साफ मना कर दिया. उन्होंने कहा कि विवि एक्ट में इसका कोई प्रावधान नहीं है.
डॉ पांडेय ने कहा कि आकस्मिक श्रमिकों की वरीयता सूची बना ली गयी है. 240 दिन पूरा करने वालों को कार्य पर रखा जायेगा. आवश्यकता पड़ने पर इनमें से ही लोगों को लिया जायेगा. ठेका व्यवस्था नहीं लागू होगी, लेकिन श्रमिकों के निधन पर विवि की ओर से आर्थिक सहायता दी जायेगी. वार्ता में कर्मचारियों की ओर से सुरेश बैठा, रंजीत टोप्पो, निरंजन कालिंदी,नेयामत अंसारी, जगदीश साहु तथा विवि की ओर से डॉ एसके पाल, डॉ डीके सिंह द्रोण, डॉ डीएन सिंह, डॉ राघव ठाकुर, डॉ आरएल प्रसाद, डॉ केके झा, पंकज वत्सल सहित कृषि मंत्री और सांसद के प्रतिनिधि भी शामिल थे.