रांची: बहुचर्चित चारा घोटाल के चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37 करोड़, 70 लाख रुपये निकासी के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई आज तीस अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी गयी.और उसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की जमानत पर भी फैसला होने की संभावना है जबकि बिहार के दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को खराब स्वास्थ्य के आधार पर दो माह की औपबन्धिक जमानत दे दी गयी. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर आर प्रसाद की एकल पीठ में आज चारा घोटाले के इस मामले में लालू की अपील और जमानत याचिका पर बहस प्रारंभ हुई और उनके अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने अपना पक्ष रखा जिसका जवाब केंद्रीय जांच ब्यूरो को देना है और इसके लिए न्यायालय ने 30 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की.
इस मामले में दूसरे अभियुक्त मिश्र को न्यायालय ने आज खराब स्वास्थ्य के आधार पर दो माह की औपबन्धिक जमानत दे दी. मिश्र निचली अदालत से सजा घोषित होने के बाद लगातार अस्पताल में भर्ती हैं.एक अन्य अभियुक्त आर के राणा को न्यायालय ने नियमित जमानत दे दी और साथ ही चारा घोटाले के विभिन्न अन्य मामलों में आज न्यायालय ने कुल ऐसे 16 लोगों को जमानत दे दी जिन्होंने इस मामले में तय सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही काट ली है.
चारा घोटाले से जुडे इस मामले में न्यायालय के समक्ष अपनी अपील के साथ जमानत के लिए पहुंचे दस अन्य लोगों को न्यायालय पहले ही जमानत दे चुका है.
चारा घोटाले से संबंधित 15 ट्रंक रिकार्ड पहुंचा कोर्ट
चारा घोटाला के कांड संख्या आरसी 20 ए/96 से संबंधित रिकार्ड हाइकोर्ट पहुंच गया है. निचली अदालत से गुरुवार को रिकार्ड हाइकोर्ट लाया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच रिकार्ड से संबंधित 15 बक्से हाइकोर्ट में रखे गये.
इधर, रिकार्ड आने की सूचना लालू प्रसाद के वकील की ओर से हाइकोर्ट को दी गयी और मामले पर शीघ्र सुनवाई के लिए तिथि तय करने का आग्रह किया. कोर्ट ने लालू प्रसाद के वकील के आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 25 अक्तूबर की तिथि तय की है.
इस दिन चारा घोटाले के अन्य अभियुक्तों की ओर से दायर अपील याचिकाओं पर सुनवाई होगी. लालू प्रसाद ने अपील याचिका दायर कर सीबीआइ अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसके तहत उन्हें पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. 18 अक्तूबर को लालू प्रसाद की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरआर प्रसाद की अदालत ने मामले से संबंधित दस्तावेज हाइकोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. वहीं लालू प्रसाद के वकील को रिकार्ड आने के बाद शीघ्र सुनवाई के लिए अदालत से आग्रह करने का निर्देश दिया था. लालू प्रसाद की ओर से दायर अपील याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है.
लालू प्रसाद से जेल में मिलने पहुंचे सरयू राय, कहा सचेत किया था, लेकिन नहीं चेते
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में चारा घोटाले के मामले में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से मिलने गुरुवार को 4.30 बजे भाजपा नेता सरयू राय पहुंचे. मुलाकात के बाद सरयू राय ने कहा: लालू उनके पुराने मित्र हैं, इसलिए वह उनसे मिलने पहुंचे थे. लालू प्रसाद से साथ राजनीतिक मतभेद हैं, वह अपनी जगह पर है. बतौर पत्रकार मैं चारा घोटाले पर लिखता रहा. वर्ष 1994 में प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले को सामने लाया. लालू प्रसाद को सचेत किया, लेकिन वह गलती करते गये. गलतियों का ही परिणाम है, कि आज लालू प्रसाद जेल में हैं. उनकी बातों को अनदेखा किया गया. पशुपालन विभाग में लूट मची थी. लालू प्रसाद को बतौर मुख्यमंत्री अपनी भूमिका निभानी चाहिए थी. वह यह नहीं कर सके. इस मामले में लालू प्रसाद को अब सजा भी मिल चुकी है. वर्तमान भ्रष्टाचार का स्तर और बढ़ गया है. राजनीति में लोक लाज खत्म हो गया है. नेता भ्रष्ट होते जा रहे हैं. आज लाखों करोड़ों में घोटाले हो रहे हैं.
लालू ने कहा: राजनीतिक मतभेद अपनी जगह
लालू ने सरयू राय से कहा कि राजनीतिक मतभेद अपनी जगह है. जेल में मुलाकात के दौरान श्री राय से जेपी मूवमेंट, जनता दल के समय की बातचीत हुई. स्कूल-कॉलेज के जमाने की बातें हुईं. लालू ने श्री राय से कहा कि आपका लेख पढ़ रहा हूं. राजनीतिक संघर्ष में हम अलग-अलग मोरचे पर लड़े, लेकिन व्यक्तिगत संबंध अपनी जगह है. सरयू राय ने भी कहा: सब कुछ नियति का खेल है.
पूर्व मंत्री इलियास हुसैन व सीता भी पहुंचे जेल
लालू प्रसाद से होटवार जेल मिलने पहुंचने वालों में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, लालू प्रसाद के छोटे भाई सुखदेव राय, लालू प्रसाद के रिश्तेदार जेहल प्रसाद, पूर्व मंत्री सीता सिन्हा, भोला यादव सहित अन्य लोग शामिल थे. सीता सिन्हा लालू प्रसाद से मिलने के इंतजार में जेल गेट के पास काफी देर तक खड़ी रही. जब लालू यादव के पीएस भोला यादव पांच बजे जेल गेट पहुंचे. तब उन्होंने सीता सिन्हा को लालू प्रसाद से मिलने का निर्देश दिया. निर्देश मिलने के बाद सुरक्षाकर्मी जेल के बाहर बैरिकेडिंग के पास बाइक लेकर पहुंचा. वहां से सीता सिन्हा को अपने बाइक पर जेल के अंदर लेकर पहुंचा.