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बहुत से मुद्दों पर सहमति बनी, पर वीजा मामला फिलहाल टला

बीजिंग: तकरीबन 60 बरस के बाद चीन और भारत के प्रधानमंत्री के बीच एक वर्ष में दूसरी मुलाकात सार्थक सिद्ध हुई और इस दौरान दोनो देशों ने परस्पर हित के कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, हालांकि वीजा नियमों को सरल बनाने संबंधी समझौते पर सहमति नहीं बन पाई. चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के […]

बीजिंग: तकरीबन 60 बरस के बाद चीन और भारत के प्रधानमंत्री के बीच एक वर्ष में दूसरी मुलाकात सार्थक सिद्ध हुई और इस दौरान दोनो देशों ने परस्पर हित के कुल आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, हालांकि वीजा नियमों को सरल बनाने संबंधी समझौते पर सहमति नहीं बन पाई.

चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद जारी वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बातचीत भारत और चीन की ढाई अरब जनता की समृद्धि और प्रगति, एशिया के पुनरुत्थान और वैश्विक समृद्धि और स्थायित्व का एक महत्वपूर्ण कारक होगी. तेजी से उभरते दो विशाल देशों के नेता होने के नाते तेजी से बदलते और अनिश्चित वैश्विक वातावरण के बीच, सामाजिक, आर्थिक प्रगति का पालन करते हुए हमने अपनी सहभागिता का वादा और मैत्रिपूर्ण संबंध बरकरार रखने का संकल्प किया है. ये हमारा नीतिगत दृष्टिकोण होगा.’’ दोनो देशों के बीच आज यहां, सीमा रक्षा सहयोग, सड़क परिवहन क्षेत्र, सीमापारीय नदियों, बिजली उपकरण, सांस्कृतिक आदान प्रदान, नालंदा विश्वविद्यालय और सिस्टर सिटी संपर्कों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हुए समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मीडिया के लिये वक्तव्य जारी किया गया.

दोनों नेताओं ने मीडिया को बताया कि एक ही कैलेंडर वर्ष में उनकी दूसरी मुलाकात इस तथ्य के मद्देनजर काफी मायने रखती है कि 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु और चाउ एन लाइ के बीच इस तरह की मुलाकात हुई थी. उन्होंने कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के महत्व को दर्शाती है और आज हुए समझौते इन संबंधों को नया आयाम देंगे.

भारत और चीन ने सीमा समझौते समेत आठ समझौतों पर किए हस्ताक्षर

भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा : एलएसी : पर सेना के बीच टकराव और सीमा पर तनाव को टालने के लिए आज एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही दोनों पक्षों ने फैसला किया कि कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष पर हमला करने के लिए सैन्य क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं करेगा और न ही सीमा पर गश्ती दलों का पीछा करेगा.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री ली क्विंग के बीच ग्रेट हॉल आफ दी पीपुल में हुई गहन वार्ता के बाद सीमा रक्षा सहयोग समझौते(बीडीसीए)पर आज हस्ताक्षर किए गए. इस वर्ष अप्रैल में लद्दाख की देपसांग वैली में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी : पीएलए : के दखल के साथ ही कई मौकों पर चीनी घुसपैठ की घटनाओं से संबंधों में उपजे तनाव की पृष्ठभूमि में यह समझौता हुआ है.

दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की दो घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता और सिंह तथा ली के बीच इस वर्ष हुई दूसरी बातचीत के साथ ही कुल मिलाकर दोनों देशों के बीच नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें बीडीसीए तथा सीमा पारीय नदियों पर आपसी सहयोग को मजबूत करने संबंधी समझौता भी शामिल है.

लेकिन जैसा की संभावना थी, वीजा व्यवस्था का उदारीकरण किए जाने पर कोई समझौता नहीं हुआ. हालांकि चीनी पक्ष इस विषय में समझौता करने का प्रबल इच्छुक था लेकिन भारत ने चीनी दूतावास द्वारा अरुणाचल प्रदेश के दो भारतीय तीरंदाजों को नत्थी वीजा दिए जाने के मुद्दे पर उभरे विवाद की पृष्ठभूमि में अपने कदम पीछे खींच लिए.

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