बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की योजना हुई फेल
सासाराम (नगर) : शिक्षा में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से लागू मिशन गुणवत्ता कार्यक्रम जिले में हकीकत से दूर दिख रहा है. विभाग की तरफ से तैयार हाइ प्रोफाइल कार्ययोजना का असर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर असर नहीं छोड़ रहा है.
गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिलने से अभिभावक अब अपने बच्चों को महंगी होने के बावजूद प्राइवेट शिक्षा देना अधिक पसंद करने लगे हैं.
इन स्कूलों में सात घंटों के बजाय महज तीन से चार घंटे ही पढ़ाई होती है. ऐसी स्थिति में बेहतर शिक्षा की बात सोचना बीरबल की खिचड़ी पकाने की तरह होगा.
गांववालों ने किया था बहिष्कार
जजर्र भवन में चल रहे सदर प्रखंड के बैजला स्कूल को मध्य विद्यालय, सेमरा में विभाग द्वारा टैग किये जाने का विरोध गांववालों ने किया था. गांव के लोग लगभग एक माह तक अपने बच्चों को शिफ्ट वाले स्कूल में पढ़ने से मना कर दिया था. सिर्फ शिक्षक विभागीय आदेश के आलोक में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे.