पटना: मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव से पहले किये गये सर्वे को खारिज करते हुए कहा कि शुक्र है कि जदयू को जीरो पर आउट नहीं किया गया. सोमवार को जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वे में हमारी विश्वसनीयता को बेहतर आंका गया है और सीट कम बतायी जा रही है. जब हमारी विश्वसनीयता ठीक है, तो क्या अविश्सनीय लोगों को सीटें मिलेंगी.
यह अनूठा व अजूबा सर्वे है. कोई आधार नहीं है. देश में कॉम्प्लेक्स सोसायटी है. कुछ लोगों से बातचीत कर सबों के मन-मिजाज को नहीं समझा जा सकता. जो जैसा चाहता है, वैसा सर्वे होता है. सर्वे के रिजल्ट से लोग मस्त रहते हैं. चुनाव के पहले ऐसे सर्वे होते रहते हैं. बहुत कम सर्वे होते हैं, जो सटीक साबित होते हैं. उनकी विश्वसनीयता होती है. संसद के आगामी सत्र में सर्वे को लेकर आनेवाले बिल के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है. वैसे सर्वे होते ही रहें, तो इसमें हर्ज ही क्या है.
सपना तो कई लोग देखते हैं : जब सोने के लिए उत्तरप्रदेश में हो रही खुदाई पर उनकी राय पूछी गयी, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘सपना तो कई लोग देखते हैं. बहुत कुछ देखते हैं. सपना देखने का अर्थ थोड़े ही है कि इस पर काम शुरू हो जाये.’उनके जवाब के राजनीतिक अर्थ भी निकाले गये. हालांकि, मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने खुदाई को बकवास बताते हुए कहा कि हजार टन सोने से कहीं अधिक कीमती है हमारा इतिहास व विरासत. बिहार के मधुबनी के बलराजगढ़ में इतिहास दफन है. कई बार खुदाई के लिए लिखा गया, पर काम शुरू नहीं हुआ. आखिर देश कहां जा रहा है. हम किस दौर में जी रहे हैं.
फरियाद लेकर आयीं आइएएस की पत्नी
जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में निलंबित आइएएस अधिकारी के सेंथिल कुमार की पत्नी भी फरियाद लेकर पहुंचीं. अपना नाम छिपाते हुए फरियादी ने सीएम से मिले आश्वासनों के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनके आइएएस पति का कैट से निलंबन वापस किया जा चुका है. यह फैसला आये हुए कई दिन हो गये, पर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है. सीएम ने सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
ब्लेड के साथ पकड़ी गयी महिला : जनता दरबार में आने के दौरान एक महिला के पास ब्लेड पाया गया. महिला ने कहा कि वह नाखून काटने के लिए ब्लेड लेकर आयी थी. नेऊरा के रवींद्र कुमार बिजली बिल की परेशानी लेकर आये थे. उनका कहना था कि इसी वर्ष 13 अगस्त को कनेक्शन लिया. पांच दिन बाद 18 अगस्त को एक लाख नौ हजार का बिजली बिल भेज दिया गया. हद तो यह क्षेत्र के बिजली कर्मियों ने डरा-धमका कर 45 हजार रुपये ऐंठ भी लिये. मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इसे गंभीरता से लिया और अविलंब इस मामले का निबटारा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. चंडी नगरनौसा के नरेंद्र कुमार ने कहा कि 1982 में ही बिजली कनेक्शन के लिए 20 लोगों ने आवेदन दिये. पैसा जमा करने के बाद जीएम ने 20 दिनों में ही कनेक्शन देने की बात कही.