13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धूम्रपान व जंक फूड से दिल को खतरा

कोलकाता: धूम्रपान व जंक फूड की लत से भारत में हृदयजनित बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. युवा वर्ग भी इस जानलेवा बीमारी कीचपेट में आ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 तक भारत में दिल के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जायेगी. ये बातें शनिवार को बीएम बिरला हर्ट रिसर्च सेंटर के कॉर्डियोलॉजी […]

कोलकाता: धूम्रपान व जंक फूड की लत से भारत में हृदयजनित बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. युवा वर्ग भी इस जानलेवा बीमारी कीचपेट में आ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 तक भारत में दिल के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जायेगी.

ये बातें शनिवार को बीएम बिरला हर्ट रिसर्च सेंटर के कॉर्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ धीमान कहाली ने कहीं. वह कॉर्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीएसआइ) की वेस्ट बंगाल शाखा की ओर से आयोजित दो दिवसीय अपडेट इन कॉर्डियोलॉजी 2013 व प्रदर्शनी के उदघाटन समारोह के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे. अपडेट इन कॉर्डियोलॉजी 2013 के सांगठनिक सचिव डॉ कहाली ने बताया कि जागरूकता के अभाव में भारत में हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. विदेश में आम तौर पर 40 से 45 वर्ष के बाद लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आते हैं, जबकि भारत में 28 से 32 वर्ष की उम्र से ही लोगों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है. उन्होंने बताया कि जूनियर कॉर्डियोलॉजी चिकित्सकों को जागरूक करने के लिए सीएसआइ की ओर से हर साल इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. कार्यक्रम में हाइकोर्ट के न्यायाधीश एसके मुखोपाध्याय, डॉ सोमित्र राय, डॉ काजल गांगुली व अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों के हृदय रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया.
कैसे रखें दिल को जवां
डॉ ने कहाली ने बताया कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन सुबह चार से पांच किलोमीटर पैदल चलें. धूम्रपान व शराब से दूर रहें. वसायुक्त भोजन न करें. भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, मछली व फल लें. इससे आप मोटापा व मधुमेह से दूर रहेंगे. साथ ही हृदय रोग होने का खतरा लगभग 90 फीसदी कम हो जाता है. 10 वर्ष की उम्र से नियमित रूप से ब्लड सुगर की जांच करायें. 25 वर्ष की उम्र की बाद नयमित रूप से इसीजी करायें.
हर्ट अटैक की पहचान
सीने में बेचैनी के साथ दर्द का होना व पसीने से शरीर का तर-बतर हो जाना हृदयाघात की पहचान है. ऐसे मरीज के लिए प्रथम एक से दो घंटा गोल्डेन टाइम माना जाता है. इस बीच मरीज को किसी अस्पताल में ले जाने पर उसकी जान बचायी जा सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें