मनरेगा में गड़बड़ी, तो पीआरएस व मुखिया होंगे जिम्मेवार
सासाराम (ग्रामीण) : मनरेगा के कार्यो के सुचारु रूप से कराने की जिम्मेदारी पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस) व मुखिया की होती है. यदि निचले स्तर पर इसमें गड़बड़ी पायी जाती है, तो दोनों ही दोषी हैं.
इसलिए इन दोनों पर कार्रवाई की जायेगी. ये बातें डीडीसी रामचंद्र डू ने शनिवार को डीआरडीए सभागार में आयोजित मनरेगा पुलिस पदाधिकारियों की कार्यशाला में कहीं. ग्रामीण विकास विभाग बिहार द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में रोहतास, कैमूर, आरा व बक्सर जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को मनरेगा व इंदिरा आवास में गड़बड़ी होने पर कार्रवाई की जानकारी दी गयी.
कार्यशाला में ग्रामीण विकास विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अतुल कुमार वर्मा, जितेंद्र कुमार सिन्हा, राजीव कुमार ने अनियमितता की जांच करने व दोषियों पर कार्रवाई करने की जानकारी दी. डीपीआरओ सुरेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि मनरेगा एवं इंदिरा आवास योजना विषय पर आयोजित कार्यशाला में चार जिलों के पुलिस पदाधिकारियों को गड़बड़ी की जांच व आवश्यक कार्रवाई करने के बारे में विस्तार से बताया गया. कार्यशाला में डीडीसी ने कहा कि मनरेगा में गड़बड़ी की बातें सामने आती रहती हैं, जिसके तहत आवश्यक कार्रवाई की जानकारी पदाधिकारियों को होनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने गड़बड़ी की जांच करने के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिया.
कैसे होती है गड़बड़ी
डीडीसी ने बताया कि मनरेगा में मजदूरों की जगह मशीन से काम करा कर पीआरएस, मुखिया व पोस्ट ऑफिस के स्टाफ की मिलीभगत से मजदूरों का पैसा निकाल लिया जाता है. इसका कुछ हिस्सा जॉब कार्डधारी मजदूर को दे दिया जाता है. इससे वह काम के लिए नहीं बोलता.
जांच में इन सब बातों का ध्यान देना आवश्यक है कि मशीन से तो काम नहीं कराया गया. मजदूरों को मिलने वाला पैसा पीआरएस व मुखिया के संयुक्त हस्ताक्षर से ही मिलता है. इस वजह से अनियमितता होने पर दोनों की भागीदारी मानी जायेगी. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जांच के बाद गड़बड़ी का पूरा ब्योरा रिपोर्ट में दी जानी चाहिए. बैठक के दौरान डीडीसी रोहतास, कैमूर, आरा, बक्सर जिले के डीएसपी, एसडीओ, डीपीआरओ, डीटीओ, डीआरडीए निदेशक, डीपीओ समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.