सिलीगुड़ी: पिता, जो पूरे परिवार का मुखिया होता है. उस पर परिवार के हर सदस्य के संरक्षण की जिम्मेदारी होती है. अपने बच्चों को हर बुरी नजर से बचाता है, लेकिन खोड़ीबारी ग्राम पंचायत स्थित झाड़ू जोत के निमा तमांग उर्फ काले तमांग को देख कर कहना पड़ेगा, ईश्वर ऐसा पिता किसी को न दे. झाड़ू जोत के निवासियों ने ऐसा हादसा अपने इलाके में पहली बार देखा.
सरिता तामांग जो कक्षा चौथी में रामबोला जोत प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थी, उसे पड़ोसी खूब स्नेह करते थे. किसी को नहीं पता था कि इस नन्ही गुड़िया के बदन को वे कभी इतनी बुरी हालत में देखेंगे. उसके जिस्म टुकड़ों में बंटा देखेंगे. आखिर इस नन्ही परी ने क्या गुनाह किया था, जो उसे ऐसी सजा मिली! दरअसल सरिता 12 अक्तूबर से गायब थी, लेकिन किसी ने पुलिस को सूचना नहीं दी. शुक्रवार की सुबह निमा के घर के पास अजीब बदबू आ रही थी.
सभी ने सोचा कुत्ता या कोई जानवर मर गया होगा. लोग जब उसे साफ करने के इरादे से वहां गये, तो वहां जो दृश्य देखा, उसकी वह कल्पना नहीं कर सकते. स्कूल यूनिफर्म की चिथड़े उड़े थे. सरिता का सिर और धड़ अलग था. जगह -जगह काटे-काटे जाने के निशान. खून से सना उसका पूरा बदन. लोगों को उसके पिता पर संदेह हुआ. पड़ोसी लक्ष्मी तमांग ने खोरीबाड़ी थाना को इसकी सूचना दी. इसके बाद भारतीय आइपीसी धारा 302 (हत्या करना) और 201 (लाश को छुपाना) के तहत मामला दर्ज किया गया.
कालिंपोंग के एएसपी के कानन ने बताया कि सरिता के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है. लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पूछताछ से मालूम हुआ कि सरिता का पिता खूब शराब पीता था और मानसिक रूप से वह बीमार था. वह ठीक से कुछ नहीं बता पा रहा. वह काफी डरा हुआ. घर की तलाशी में हमें जगह-जगह खून के धब्बे मिले. घर में एक कुल्हाड़ी मिली, जिसमें खून लगा था. संदेह पूरी तरह उसके पिता पर ही जाता है.