रांची: दो दिवसीय विट्रियो रेटिना कांफ्रेंस कश्यप मेमोरियल अस्पताल में 20 अक्तूबर से शुरू होगा. इसमें देश-विदेश के रेटिना विशेषज्ञ शामिल होंगे. सम्मेलन में डायबेटिक व हाइपरटेंसिव रेटिनापैथी, रेटिनल वेनस ऑकलूजन, रेटिनल डी-अटैचमेंट एवं विट्रियो रेटिनल सजर्री के नये शोध व तकनीक पर चर्चा होगी.
डॉ कमल किशोर, डॉ प्रदीप वेंकटेश एवं डॉ चिराग भट्ट सहित कई चिकित्सक व्याख्यान देंगे. आयोजन समिति के सचिव डॉ बीपी कश्यप ने शुक्रवार को यह जानकारी पत्रकारों को दी. उन्होंने बताया कि आंखों के परदे पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसका इलाज जटिल है. रेटिना में समस्या से रोशनी चली जाती है, इसलिए समय पर जांच जरूरी है. सम्मेलन में रिम्स के नेत्र विभाग के पीजी स्टूडेंट भी शामिल होंगे.
डॉ राजीव कुमार ने बताया कि रेटिना के चिकित्सकों की संख्या कम है. डायबिटीज मरीजों को अपनी आंखों के परदे की जांच समय-समय पर कराते रहना चाहिए. रिम्स में रेटिना से संबंधित बीमारी के इलाज की सुविधा है.
डॉ भारती कश्यप ने बताया कि रेटिना की पढ़ाई लंबी है, इसलिए चिकित्सक इस ओर जाना नहीं चाहते हैं. मशीनें भी बहुत महंगी हैं. मौके पर डॉ एसके सिंह, डॉ राजीव गुप्ता एवं डॉ अशोक ठाकुर मौजूद थे.