कमतौल, दरभंगाः आसाराम के बेटे नारायण साईं की तलाश में पुलिस फिर से कमतौल के अहल्यास्थान पहुंची. शुक्रवार को गुजरात पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस भी थी. गुजरात के सूरत के जहांगीरपुरा पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर बीजे वरवाड के साथ कमतौल थानाध्यक्ष पंकज कुमार पंत व अन्य पुलिसकर्मी भी थे. जैसे ही पुलिस की टीम गांव में घुसी लोगों की भीड़ जुटने लगी.
सबसे पहले पूरा अमला नारायण साईं के बंद आश्रम में पहुंचा. पुलिस ने पूरे आश्रम का मुआयना किया. बाहरी गेट में ताला लटका था. पूरब साइड में बने चबूतरा से होते हुए पुलिस कैंपस के अंदर गयी. फिर वहां से आश्रम के छत पर जा पहुंची. आश्रम की एक खिड़की का दरवाजा खुला था. उसके अंदर कुछ पुस्तकें दिख रही थीं. इसके बाद पुलिस वहां से निकल गयी.
आश्रम से बाहर निकलने पर पुलिस ने लोगों से हनुमान के बारे में पूछताछ की. यह भी पूछा कि आश्रम में क्या-क्या होता था. लोगों ने बताया कि हनुमान का घर वार्ड नंबर छह में है. उसके पिता का नाम विवेकानंद ठाकुर उर्फ लालबाबू ठाकुर है. इसके बाद पुलिस वहां से हनुमान के घर पहुंची. वहां उसके पिता को बताया कि जहांगीरपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में आपके पुत्र का भी नाम है. इसके बाद पुलिस घर के अंदर गयी. हर कमरे व बरामदे की तलाशी ली. कोई सुराग हाथ नहीं लगने पर ग्रामीणों से विस्तृत जानकारी ली. उनके कितने पुत्र-पुत्रियां हैं. सबकी शादी कहां हुई है. सभी संबंधियों का नाम पता पूछा. हनुमान के पिता ने पुलिस को सब कुछ बता दिया. हनुमान के बारे में बताया कि पिछले 15 दिनों से न तो बातचीत हुई है, न ही कोई जानकारी है. दो माह पहले वह यहां आया था. उन्होंने कहा कि चार लड़कियां थीं, जो यहां आश्रम निर्माण के क्रम में तीन महीने तक रही थीं.
वारवाड ने वहां उपस्थित लोगों से पूछा कि जिस लड़की ने आरोप लगाया है की तसवीर दिखाने पर क्या आप लोग पहचान जायेंगे, तो सबने कहा कि हां पहचान जायेंगे. इसके बाद पुलिस वहां से लौट गयी.