जमशेदपुर/चाईबासा: चाईबासा का ट्राइबल रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर हो समाज में होने वाले सकारात्मक बदलाव का गवाह बना. नेशनल हो यूथ मीट 2013 के दूसरे दिन हो जनजाति की मौजूदा स्थिति में बदलाव को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार किया गया. इसमें समाज की नयी पीढ़ी को आगे बढ़ाने पर बल दिया गया.
सबसे पहले हो जनजाति के विकास में युवा अपनी भागीदारी कैसे निभा सकते हैं, पर लक्ष्मीधर तियु, बलभद्र बिरुआ, सुबुद्धि सोनहोगा ने अपने विचार रखें. कहा गया कि कि युवाओं को शिक्षा से जोड़ने से ही समाज का विकास होगा. शुक्रवार को नेशनल मीट का समापन किया जायेगा.
कंप्यूटर पर वारंग क्षिति लिपि का होगा इस्तेमाल हो भाषा को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है. अब तक यह लिपि किताबों में सिमटी हुई थी. जिसके कारण हो समाज के युवा इसके बारे में जान नहीं पाते थे, लेकिन अब वे दुनिया के किसी भी कोने से वारंग क्षिति लिपि को जान और समझ पायेंगे.नेशनल हो यूथ मीट में वारंग क्षिति लिपि के सॉफ्टवेयर को लांच किया गया. इस सॉफ्टवेयर के जरिये कंप्यूटर के की-बोर्ड से लिपी के सभी 32 लेटर आसानी से आप टाइप कर सकेंगे.