नयी दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार नहीं हैं और सरकार बनाने में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. आप की स्थिति दिनोंदिन मजबूत होती जा रही है. यदि यही स्थिति चुनाव के अंत जारी रही, तो उलटफेर भी हो सकता है. मुख्यमंत्री पद के लिए केजरीवाल सबसे पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं.
एबीपी न्यूज-नील्सन के ओपिनियन पोल में दावा किया गया है कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में भाजपा को 28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 22 और आप को 18 सीटें मिलने की संभावना है. सर्वेक्षण के नतीजों में बताया गया है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 4 दिसंबर को होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के हिस्से के 15 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं.
नौ अक्तूबर को करीब 4000 मतदाताओं के बीच कराये गये सर्वे के मुताबिक, दिल्ली के 32 फीसदी वोटर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते है, जबकि कांग्रेस की शीला दीक्षति और भाजपा के विजय गोयल के बीच मुकाबला बराबरी का है. शीला दीक्षति और विजय गोयल को 27-27 फीसदी दिल्लीवासियों ने पसंद किया है.
सर्वे में जब लोगों से यह पूछा गया कि दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को एक और मौका मिलना चाहिए, तो 65 फीसदी लोगों ने न कहा, वहीं करीब 33 फीसदी लोगों ने उन्हें एक और मौका देने की बात की. हालांकि, दो फीसदी लोगों ने इस पर अपनी कोई राय नहीं दी.
सर्वे में 49 फीसदी दिल्लीवासियों ने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा माना. अन्य मुद्दों के रूप में जल भराव, बेरोजगारी, पानी-बिजली छाये रहे यानी अगर दिल्ली में कांग्रेस की डूबेगी, तो उसमें महंगाई का बड़ा योगदान होगा. काम के लिहाज से शीला दीक्षति का पिछले पांच साल के कार्यकाल को 37 फीसदी लोगों ने औसत करार दिया, जबकि 21 फीसदी लोगों ने अच्छा कहा. शीला के पिछले पांच साल को सिर्फछह फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा कहा, वहीं 25 फीसदी लोगों ने खराब और 11 फीसदी ने इसे बहुत खराब कहा.
मुख्यमंत्री के रूप में पसंद
शीला दीक्षित-27
विजय गोयल-27
(आंकड़े प्रतिशत में)
एबीपी न्यूज-नील्सन के ओपिनियन पोल में दावा
ताजा सर्वे
पार्टी-सीटें
भाजपा-28
कांग्रेस-22
आप-18
अन्य-02
अगस्त में सर्वे
पार्टी-सीटें
भाजपा-32
कांग्रेस-27
आप-08
अन्य-03