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सीआरएफ नॉर्म्स के आधार पर दी जायेगी क्षतिपूर्ति

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा फैलिन आपदा के मुद्दे पर बुलायी गयी बैठक में आपदा प्रबंधन सचिव एके सिंह ने सरकार के सामने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक, फैलिन के झारखंड में पहुंचने से पहले ही 11 अक्तूबर की रात से ही बारिश होने लगी. 12 एवं 13 अक्तूबर को फैलिन का जबरदस्त असर […]

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा फैलिन आपदा के मुद्दे पर बुलायी गयी बैठक में आपदा प्रबंधन सचिव एके सिंह ने सरकार के सामने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक, फैलिन के झारखंड में पहुंचने से पहले ही 11 अक्तूबर की रात से ही बारिश होने लगी. 12 एवं 13 अक्तूबर को फैलिन का जबरदस्त असर झारखंड में रहा. रांची में 12 व 13 अक्तूबर को 106 मिमी बारिश हुई.

जमशेदपुर, घाटशिला एवं धनबाद में आपदा प्रबंधन हेतु एनडीआरएफ की टीम कोलकाता से बुलायी गयी. 11 अक्तूबर को सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित विभागों एवं उपायुक्तों को अलर्ट जारी किया था. 12 अक्तबूर को सीएम के निर्देश पर उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की गयी, जिसके माध्यम से स्टेट कंट्रोल रूम एवं डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम चालू किया गया. राज्य नियंत्रण कक्ष के नेतृत्व में पुलिस, जल संसाधन विभाग, विद्युत, स्वास्थ्य एवं आवश्यक सेवाओं द्वारा स्थिति पर करीब से नजर रखते हुए तूफान का मुकाबला किया गया. राज्य में 569 रेस्क्यू कैंप स्थापित किये गये, जहां स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल एवं परिवहन की व्यवस्था की गयी थी. दुर्गा पूजा पंडालों में विशेष सावधानी बरती गयी. फैलिन के कारण हुई क्षतिपूर्ति के लिए सीआरएफ नॉर्म्स के आधार पर राशि दी जायेगी.

रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि 12 अक्तूबर को दक्षिण झारखंड में तेज हवा एवं वर्षा की सूचना आइएमडी से प्राप्त हुई. इसके बाद प्रभावित जिलों में प्रभावित जनता को रेस्क्यू सेंटर में लाया गया. विशेष भोजन, पेयजल एवं दवाओं की व्यवस्था की गयी. पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम, दुमका आदि जिलों में कच्चे मकानों की छत उड़ने की सूचना मिलने पर प्रभावितों को रेस्क्यू सेंटर में पहुंचाया गया. 13 अक्तूबर को दिन के दो बजे जमशेदपुर एवं घाटशिला में खरकई एवं स्वर्णरेखा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया. घाटशिला के डुमरिया एवं मुसाबनी तथा जमशेदपुर के आदित्यपुर, चांडिल डैम के 16 गेट खोले गये. धनबाद के मैथन डैम से दो लाख 44 हजार क्यूसेक मीटर जल छोड़ गया. सात हजार लोगों को रेस्क्यू सेंटर में लाया गया. एनडीआरएफ की टीम बुलायी गयी. 14 अक्तूबर को एनडीआरएफ की टीम घाटशिला, जमशेदपुर एवं धनबाद गयी. 15 अक्तूबर की रिपोर्ट में लिखा गया है कि राहत एवं बचाव के कार्य जारी हैं.

24 घंटे में देंगे मुआवजा

सात दिनों में मुआवजा भुगतान प्रक्रिया पूरी करें

आपदा से निपटने के लिए तैयार था झारखंड

चार की मौत, एक लापता, पांच घायल, 804 मकान क्षतिग्रस्त, 104 ट्रांसफारमर जले

कृषि, स्वास्थ्य व बिजली विभाग को राहत कार्यो में तेजी का निर्देश
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि फैलिन तूफान के कारण जिन लोगों के जान-माल की क्षति हुई है, उन्हें 24 घंटे के अंदर मुआवजा राशि का भुगतान करें. साथ ही सात दिनों में इससे संबंधित अन्य कागजी कार्यवाही पूरी करें. मंगलवार को सचिवालय खुलते ही सीएम ने फैलिन के मुद्दे पर समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री राजेंद्र सिंह, मन्नान मल्लिक, मुख्य सचिव आरएस शर्मा, आपदा प्रबंधन सचिव एके सिंह, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव, मौसम विभाग के अधिकारी समेत तमाम कई आला अधिकारी मौजूद थे.

समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि जो सूचनाएं आयी हैं, उसके अनुसार, फैलिन के कारण चार लोगों की मौत हुई है. एक लापता है और पांच लोग घायल हैं. एक मवेशी की मौत हुई है. 804 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. 104 ट्रांसफारमर जले हैं. इसके बाद श्री सोरेन ने उपायुक्तों को तत्काल मुआवजा आदि के भुगतान का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो भी प्रभावित हुए हैं, उन्हें पहले मुआवजा देकर राहत प्रदान की जाये, उसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी की जाये. उपायुक्तों को इसके लिए निर्देश दिया गया है. राज्य में फैलिन की आहट के पूर्व ही आपदा प्रबंधन विभाग को सारी तैयारी करने का निर्देश था. विभाग चुस्त-दुरुस्त था. राहत कार्य जारी है. दो-चार घटनाओं को छोड़ सामान्य स्थिति है. कई घरों के उजड़ने की खबर है. जो लोग भी प्रभावित हुए हैं, उनके लिए कृषि विभाग, हेल्थ व बिजली विभाग को राहत कार्यो में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. पूर्व में ही 12 हजार किसानों को एसएमएस कर दिया गया था कि कैसे सावधानी बरतें.

डैमों का पानी राज्य में भी इस्तेमाल हो
बैठक में यह बात भी उठी कि झारखंड स्थित मैथन, मसानजोर डैम आदि का पानी दूसरे राज्यों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और पानी बढ़ने पर इसका नुकसान झारखंड को ङोलना पड़ता है. सीएम ने इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का बात कही. उन्होंने कहा कि यहां के डैमों का पानी राज्य में भी इस्तेमाल हो, इसे सुनिश्चित करना होगा.

सात हजार लोग बचाये गये
सीएम ने बताया कि इस आपदा में सौ से अधिक ट्रांसफारमर जले हैं. जहां भी हो सका, तत्काल बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गयी. कई स्थानों में एहतियात के तौर पर बिजली काटी गयी थी. अन्य इलाकों में जहां भी बिजली नहीं है, एक सप्ताह में बहाल करने का निर्देश दिया गया है. चार लोगों के मरने की खबर है, जिनमें तीन लोग वज्रपात से मारे गये हैं. एक की मौत घर की दीवार गिरने से हुई है. एनडीआरएफ की दो टीमें यहां आयी थीं, जिन्हें धनबाद और जमशेदपुर में लगाया गया था. सात हजार लोगों को बचाया गया. इनमें से पांच हजार लोग जमशेदपुर के हैं. पंचायत स्तर तक दवा पहुंचाने का निर्देश दिया गया है. सर्प दंश और डायरिया आदि की दवा उपलब्ध कराने को कहा गया है. जिला स्तर पर क्षति का आंकड़ा जुटाया जा रहा है.

सरकार ने बेहतर किया, चर्चा क्यों नहीं
सीएम से जब सवाल किया गया कि जब राज्य आपदा से गुजर रहा था, तब वह गोवा में थे, इस पर सीएम ने कहा कि इस बात की चर्चा क्यों नहीं होती कि इतने बड़े संकट में भी सरकार ने बेहतर काम किया.

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