नयी दिल्ली : सीबीआई ने स्वामी रामदेव से उनके गुरु स्वामी शंकरदेव का कथित रुप से अपहरण किये जाने के मामले की अपनी जांच के सिलसिले में पूछताछ की है. शंकरदेव छह साल पहले हरिद्वार में सुबह की सैर पर निकलने के बाद लापता हो गये थे.
एजेंसी ने बताया कि बाबा रामदेव से पिछले हफ्ते सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ की गयी. सूत्रों ने बताया कि उनसे फिर पूछताछ की जा सकती है. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार योगगुरु ने दावा किया है कि सरकार सीबीआई जरिये उन्हें इस मामले में फंसाने का प्रयास कर रही है.
उनके आरोपों का कड़ाई से खंडन करते हुए सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि ये आधारहीन हैं. सिन्हा ने कहा, हमारा किसी राजनीतिक दल से सरोकार नहीं है. हम उस मामले की जांच निष्पक्ष एवं तटस्थ ढंग से कर रहे हैं जो उनके खिलाफ दर्ज किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने उनके करीबी सहयोगी बालकृष्णन का इस मामले के सिलसिले में बयान पहले ही दर्ज कर लिया है. स्वामी रामदेव ने इससे पहले अपने गुरु के लापता होने की सीबीआई जांच कराने के सरकार के फैसले का स्वागत किया था.
मार्च में सीबीआई ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के तहत मामला दर्ज किया था. यह धारा अपहरण या अगवा और गलत ढंग से हिरासत में रखने के बारे में है.
यह मामला उत्तराखंड सरकार ने राज्य पुलिस की जांच के आधार पर सीबीआई के पास भेजा था. स्वामी शंकरदेव योगगुरु के आश्रम में रह रहे थे ,लेकिन जुलाई 2007 में सुबह की सैर पर निकलने के बाद वह लापता हो गये. स्वामी शंकरदेव के रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बाद कथित तौर पर आचार्य बालकृष्ण ने मामले की शिकायत हरिद्वार के कनखल पुलिस थाने में दर्ज करायी थी.
दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना स्वामी शंकरदेव ने की थी. इस ट्रस्ट की अध्यक्षता फिलहाल स्वामी रामदेव कर रहे हैं. ट्रस्ट के कुछ उत्पादों की लेबलिंग को लेकर उनके विरुद्ध जांच चल रही है.
योगगुरु और उनकी ट्रस्ट के खिलाफ कथित कर वंचना के मामले में आयकर, सेवा कर और प्रवर्तन निदेशालय की कई जांच चल रही हैं.