भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय छात्रों के शोषण पर कम, निजी कॉलेजों को एफिलिएशन देने पर ज्यादा ध्यान देता है. अधिकतर निजी बीएड कॉलेज आज भी मनमाना शुल्क वसूलता है और छात्र न चाहते हुए भी मनमाने फी का भुगतान करते हैं, लेकिन एक समान शुल्क निर्धारित करने की दिशा में विश्वविद्यालय सात महीने बाद भी कुछ नहीं कर पाया. चार अप्रैल को विश्वविद्यालय के एफिलिएशन कमेटी की बैठक हुई थी. बैठक में यह निर्णय हुआ था कि बीएड कॉलेजों द्वारा मनमाने ढंग से फीस वसूल नहीं पायेगा.
इसके लिए एक समान फी स्ट्रर तैयार किया जायेगा, पर आज तक यह स्ट्रर नहीं बन पाया. हैरत की बात तो यह कि इसके बाद एफिलिएशन कमेटी की दो बैठकें हुई. जानकार मानते हैं कि इन दो बैठकों में कमेटी के सदस्य अगर यह जानने का प्रयास करते कि एक समान फीस लागू करने के निर्णय का क्या हुआ, तो आज छात्रों को मोटी रकम भुगतान करने का दर्द नहीं सहना पड़ता.एफिलिएशन कमेटी द्वारा पारित किये गये एक समान फी स्ट्रर के प्रस्ताव को चार अप्रैल को ही हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पारित किया गया था. इसके एक दिन के बाद पांच अप्रैल को सिंडिकेट की बैठक में भी यह प्रस्ताव सिंडिकेट सदस्यों ने पारित किया था.
बावजूद इसके प्रस्ताव धूल फांक रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर उसी एफिलिएशन कमेटी की बैठक में चार अप्रैल को ही दो कॉलेजों को एफिलिएशन दिया गया था. एक कॉलेज के संबंधन का दीर्घीकरण किया गया था. छात्र हित में लिए गये उक्त निर्णय तो फुस्स हो गये, लेकिन कॉलेजों को दिये गये एफिलिएशन के निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने हवा-हवाई नहीं होने दिया. सभी कॉलेज आज विश्वविद्यालय द्वारा दिये गये एफिलिएशन पर चल रहे हैं. चार अप्रैल को हुई एफिलिएशन कमेटी की बैठक में उपस्थित कला-वाणिज्य के कॉलेज निरीक्षक डॉ मणिंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बीएड कॉलेजों में एक समान फी लागू करने की दिशा में फिलहाल कुछ नहीं हुआ है.